स्पोर्ट्स डेस्क : एशेज सीरीज के एडिलेड टेस्ट में अंपायरिंग और टेक्नोलॉजी एक बार फिर बड़े विवाद की वजह बन गई। दूसरे दिन लगातार दो फैसलों ने खिलाड़ियों और दर्शकों, दोनों को हैरान कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ मिशेल स्टार्क ने स्निको टेक्नोलॉजी पर खुलकर नाराज़गी जताते हुए इसे “सबसे खराब टेक्नोलॉजी” करार दिया और यहां तक कह दिया कि इसे हटाने की ज़रूरत है। विवादित फैसलों के बीच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया, दोनों ही खेमों में असंतोष साफ दिखाई दिया।
पहला विवाद: स्मिथ के हेलमेट पर लगी गेंद, फिर भी स्निको स्पाइक
विवाद की शुरुआत तब हुई जब पैट कमिंस की एक तेज़ शॉर्ट बॉल इंग्लैंड के बल्लेबाज़ स्मिथ पर अजीब उछाल लेकर आई। स्मिथ ने खुद को बचाने की कोशिश की और गेंद फर्स्ट स्लिप की ओर गई, जहां उस्मान ख्वाजा ने आगे की ओर डाइव लगाई।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने ज़ोरदार अपील की, लेकिन ऑन-फील्ड अंपायर को संदेह था कि गेंद बल्ले या ग्लव्स से लगी है या नहीं। मामला थर्ड अंपायर के पास गया। रिप्ले में साफ दिखा कि गेंद स्मिथ के हेलमेट से टकराई थी, इसके बावजूद स्निको मीटर में स्पाइक नजर आया। अंततः फैसला नॉट-आउट रहा, लेकिन इसी स्पाइक ने पूरे विवाद को जन्म दे दिया।
“स्निको को हटाने की जरूरत”
इस फैसले के बाद मिशेल स्टार्क को स्टंप माइक पर अंपायर से चर्चा करते हुए सुना गया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि स्निको टेक्नोलॉजी भरोसेमंद नहीं रही है। स्टार्क ने कहा कि यह टेक्नोलॉजी पहले भी गलत साबित हो चुकी है और एक बार फिर खिलाड़ियों को भ्रमित कर रही है। उनके मुताबिक, ऐसे अहम टेस्ट मैच में इतनी बड़ी गलती स्वीकार्य नहीं है।
दूसरा झटका: जेमी स्मिथ का विवादित आउट
पहले विवाद की गर्मी अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि जेमी स्मिथ के आउट होने पर एक और बहस छिड़ गई। पैट कमिंस की शॉर्ट गेंद पर स्मिथ ने पुल शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन संपर्क साफ नहीं था। गेंद विकेटकीपर एलेक्स कैरी तक पहुंची और अंपायर ने फैसला थर्ड अंपायर को भेजा। हालांकि वीडियो रिप्ले में बल्ले और गेंद के बीच साफ गैप नजर आ रहा था, लेकिन गेंद के बल्ले के पास से गुजरते ही स्निको में एक स्पाइक दर्ज हुआ। इसी आधार पर थर्ड अंपायर ने स्मिथ को आउट करार दे दिया।
बेन स्टोक्स ने टेक्नोलॉजी पर सवाल उठाए
इस फैसले के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स काफी नाराज़ दिखे। उनका मानना था कि सिर्फ स्निको स्पाइक के आधार पर फैसला देना सही नहीं है, खासकर तब जब वीडियो सबूत कुछ और कहानी बता रहे हों। मैच में DRS का इस्तेमाल न होने के बावजूद, थर्ड अंपायर का फैसला पूरी तरह टेक्नोलॉजी पर निर्भर रहा, जिसने बहस को और तेज कर दिया।
स्निको टेक्नोलॉजी की विश्वसनीयता पर बहस
एडिलेड टेस्ट की घटनाओं ने एक बार फिर स्निको टेक्नोलॉजी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खिलाड़ी, पूर्व क्रिकेटर और फैंस अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या सिर्फ ऑडियो स्पाइक के आधार पर बड़े फैसले लेना सही है।