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तारोबा (त्रिनिदाद) : टूर्नामेंट में इतिहास रचने वाले अफगानिस्तान का सामना टी20 विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में गुरुवार को यहां जब सदाबहार दक्षिण अफ्रीका से होगा तो यह मुकाबला परिणाम के बावजूद ऐतिहासिक होगा। दोनों सफेद गेंद के प्रारूपों में किसी भी क्रिकेट विश्व कप में पहली बार फाइनल में जगह बनाने का यह दोनों टीमों के लिए एक मौका होगा। दक्षिण अफ्रीका की टीम ने टूर्नामेंट में अपने सातों मैच जीते हैं लेकिन इस आईसीसी प्रतियोगिता का आकर्षण अफगानिस्तान रहा है। 

टीम अपने देश में युद्ध की तबाही से ऊपर उठी और संघर्ष के जज्बे की बदौलत 2021 के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को भी शिकस्त दी जिसे उन्होंने पहले कभी नहीं हराया था। अफगानिस्तान के शानदार प्रदर्शन के कई नायक हैं- कप्तान राशिद खान ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है, तेज गेंदबाज फजलहक फारूकी और नवीन उल हक ने टीम को शुरुआती सफलताए दिलाई, गुलबदिन नायब ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चमत्कारिक स्पेल डाला जबकि मोहम्मद नबी ने भी शानदार प्रदर्शन किया। सलामी बल्लेबाज रहमानुल्लाह गुरबाज 281 रन के साथ टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाज जबकि फारूकी 16 विकेट के साथ सबसे सफल गेंदबाज हैं। 

यह अपने आप में एक कहानी बयां करता है कि कैसे अफगानिस्तान के दो खिलाड़ी कुछ बड़े नामों को पीछे छोड़कर आंकड़ों की तालिका में शीर्ष पर पहुंच गए। लेकिन यह सब बेकार हो सकता है अगर वे ब्रायन लारा अकादमी में लड़खड़ा जाए। इस स्थल का नाम वेस्टइंडीज के दिग्गज खिलाड़ी के नाम पर रखा गया है जिन्होंने अफगानिस्तान का भरपूर समर्थन किया है। 

अफगानिस्तान के पास कुशल क्रिकेटर हैं जिनके दम पर टीम ने 2000 के दशक की शुरुआत से लंबा सफर तय किया है। इसलिए वे कड़ी प्रतिस्पर्धा से अपरिचित नहीं हैं और किसी भी अन्य प्रारूप की तुलना में टी20 प्रारूप उन्हें बड़ी टीमों को चुनौती देने का बेहतर मौका देता है। अफगानिस्तान इससे पहले कभी विश्व कप सेमीफाइनल में नहीं खेला और दक्षिण अफ्रीका को हराने के लिए उसे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। दक्षिण अफ्रीका के घाव भी गहरे हैं लेकिन वे विशुद्ध रूप से क्रिकेट से जुड़े हैं। 

अतीत में दक्षिण अफ्रीका ने कुछ मजबूत टीमें तैयार की लेकिन 1991 में विश्व क्रिकेट में पुन: प्रवेश के बाद से कभी भी टी20 या 50 ओवर के विश्व कप के खिताबी दौर में प्रवेश नहीं कर पाया। दक्षिण अफ्रीका ने अब तक अपना धैर्य बरकार रखते हुए कुछ बेहद करीबी मुकाबले जीते हैं। टीम ने टूर्नामेंट में एक रन (नेपाल के खिलाफ), चार रन (बांग्लादेश के खिलाफ) और तीन विकेट (वेस्टइंडीज के खिलाफ) की करीबी जीत दर्ज की। 

दक्षिण अफ्रीका की अतीत की टीमें इन परिस्थितियों में विफल हो सकती थी लेकिन एडेन मार्कराम की टीम ने उल्लेखनीय दृढ़ता दिखाई है। टूर्नामेंट के शीर्ष 10 बल्लेबाजों की सूची में केवल एक दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी है। क्विंटन डिकॉक सात मैच में 199 रन बनाकर छठे स्थान पर हैं जबकि उनका कोई भी गेंदबाज शीर्ष 10 में शामिल नहीं है। लेकिन वे यहां सेमीफाइनल में खेल रहे हैं और उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ छोटे और महत्वपूर्ण क्षणों से निपटना होगा। अफगानिस्तान भी चीजों को काबू में रखता है तो एक शानदार मुकाबला देखने को मिल सकता है। 

टीम इस प्रकार हैं : 

अफगानिस्तान : राशिद खान (कप्तान), रहमानुल्लाह गुरबाज, इब्राहिम जादरान, अजमतुल्लाह उमरजई, नजीबुल्लाह जादरान, मोहम्मद इशाक, मोहम्मद नबी, गुलबदिन नायब, करीम जनत, नांग्याल खारोटी, मुजीब उर रहमान, नूर अहमद, नवीन उल हक, फजलहक फारूकी और फरीद अहमद मलिक। 

दक्षिण अफ्रीका : एडेन मार्कराम (कप्तान), ओटनील बार्टमैन, गेराल्ड कोएट्जी, क्विंटन डिकॉक, ब्योर्न फोर्टुइन, रीजा हेंड्रिक्स, मार्को यानसेन, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, डेविड मिलर, एनरिक नोर्किया, कागिसो रबादा, रेयान रिकेल्टन, तबरेज शम्सी और ट्रिस्टन स्टब्स। 

समय : सुबह 6 बजे।