ब्रिजटाउन : टी20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के लिए भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को प्लेयर आफ द टूर्नामेंट चुना गया। बुमराह ने 8 मैचों में 15 विकेट लिए लेकिन उनका योगदान इन आंकड़ों से कहीं अधिक था जिसकी बदौलत भारत ने 17 साल बाद टी20 विश्व कप जीता। बुमराह ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में रीजा हेंडरिक्स और मार्को जेनसन के विकेट लिए। बुमराह ने असली कमाल 18वें ओवर में कर दिखाया। यह ऐसा ओवर था जहां अफ्रीकी बल्लेबाज हावी होने की कोशिश करते लेकिन बुमराह ने इसमें विकेट लेने के अलावा केवल दो ही रन दिए।
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बहरहाल, बुमराह ने पुरस्कार वितरण समारोह में कहा कि मैंने शांतचित्त होकर खेलने की कोशिश की। हम इसी के लिए खेलते हैं और मैं सातवें आसमान पर हूं। मेरा बेटा यहां है, परिवार यहां है। हमने जीत के लिए बहूत मेहनत की है। इससे बढ़कर कुछ नहीं। हम इस स्तर पर खेलने के लिए ही खेलते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े मैच में आप और बेहतर करते हैं। मैं पूरे टूर्नामेंट में काफी स्पष्ट और शांतचित्त रहा। अब जीत के बाद जज्बात हावी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं आम तौर पर जज्बात जाहिर नहीं करता लेकिन अब काम पूरा हो गया है। आज मेरे पास शब्द नहीं है। मैं मैच के बाद रोता नहीं लेकिन आज भावनायें हावी हो रही है।
ऐसा रहा मुकाबला
टीम इंडिया ने पहले खेलते हुए विराट कोहली के 76, अक्षर पटेल के 47 तो शिवम दुबे के 27 रन की बदौलत 176 रन बनाए थे। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 169 रन ही बना पाई। टीम इंडिया की जीत में बुमराह और अर्शदीप का फेंका गया 18वां और 19वां बड़ा कारक रहा। दोनों ने इन महत्वपूर्ण ओवरों में केवल 6 रन ही दिए थे। आखिरी ओवर में हार्दिक ने दो विकेट लेकर टीम इंडिया को चौथी आईसीसी ट्रॉफी दिला दी।
दोनों टीमों की प्लेइंग 11
भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), विराट कोहली, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जड़ेजा, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह
दक्षिण अफ्रीका : क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), रीजा हेंड्रिक्स, एडेन मार्कराम (कप्तान), ट्रिस्टन स्टब्स, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर, मार्को जानसन, केशव महाराज, कैगिसो रबाडा, एनरिक नॉर्टजे, तबरेज शम्सी