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स्पोर्ट्स डेस्क : दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदलुकर ने मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की ड्रॉ की पेशकश पर भारत के इनकार पर भी बात की। उनका मानना था कि रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन को अपने शतक बनाने का पूरा अधिकार था और यह मालूम होने के बाद कि ड्रॉ ही संभावित परिणाम है तो खेल जारी रखने का फैसला पूरी तरह से सही भावना में लिया गया था। 

उन्होंने कहा, ‘लोग चौथे टेस्ट मैच के बारे में बात कर रहे हैं कि क्या वाशिंगटन और जडेजा के शतक सही भावना से लगाए गए थे? ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए? वे ड्रॉ के लिए खेल रहे थे।' तेंदुलकर ने कहा, ‘इससे पहले इंग्लैंड ने दबाव बनाया हुआ था। इसके बावजूद अगर कोई बल्लेबाज बल्लेबाजी कर रहा है। अगर वह दिन के खेल के अंत तक भी बल्लेबाजी कर रहा है। इसके बाद दोनों ने शतक बनाए और तब सीरीज जीवंत थी।' 

उन्होंने कहा, ‘उन्हें ड्रेसिंग रूम जाकर इंग्लैंड के क्षेत्ररक्षकों और गेंदबाजों को आराम क्यों देना चाहिए? अगर वे हैरी ब्रुक या किसी और को गेंदबाजी कराना चाहते हैं तो यह बेन स्टोक्स की पसंद है, यह भारत की समस्या नहीं है।' तेंदुलकर ने स्टोक्स के इस स्पष्टीकरण को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने अपने गेंदबाजों को आराम देने के लिए मैच जल्दी खत्म करने की मांग की थी। 

तेंदुलकर ने पूछा, ‘पांचवें टेस्ट मैच में इंग्लैंड के गेंदबाजों को तरोताजा क्यों होना चाहिए?' उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड के क्षेत्ररक्षकों को तरोताजा क्यों होना चाहिए? क्या आपके पास कोई जवाब है? इसका कोई जवाब नहीं है।' उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह से भारतीय टीम के साथ हूं। चाहे वह (गौतम) गंभीर हो या शुभमन (गिल) या जडेजा और वाशिंगटन, उन्होंने फैसला किया और मैं शत प्रतिशत उनके साथ हूं।'