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स्पोर्ट्स डेस्क : राजस्थान के भरतपुर से निकलकर 19 वर्षीय कार्तिक शर्मा ने वह कर दिखाया है, जिसका सपना देश के हजारों युवा क्रिकेटर देखते हैं। IPL मिनी ऑक्शन में चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 14.20 करोड़ रुपए में खरीदकर न सिर्फ बड़ा दांव खेला, बल्कि संघर्ष से करोड़ों तक का सफर करते करते हुए प्रेरक कहानी को राष्ट्रीय मंच भी दिया। लेकिन यह इतना आसान नहीं था क्योंकि इस सफर में उनके पिता की दुकान बिक गई और कर्ज भी लेना पड़ा। महेंद्र सिंह धोनी की टीम में जगह बनाना कार्तिक के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। इस ऐतिहासिक पल के साथ ही भरतपुर में जश्न का माहौल है और एक साधारण परिवार की असाधारण मेहनत चर्चा में है। 

टी20 स्पेशलिस्ट: आक्रामक सोच, कड़ी तैयारी 

जिला क्रिकेट संघ (DCA) के सचिव शत्रुघ्न तिवारी के अनुसार कार्तिक शुरू से ही टी20 फॉर्मेट के लिए बने खिलाड़ी रहे हैं। उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता और निडरता साफ दिखती है। अभ्यास के दौरान उनका फोकस हर गेंद पर बाउंड्री लगाने का रहता है। बॉलिंग मशीन पर घंटों पसीना बहाना उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा रहा, जिसने उनकी टाइमिंग और पावर को धार दी।

पिता का संघर्ष : दुकान बिकी, कर्ज लिया

कार्तिक की सफलता के पीछे उनके पिता मनोज शर्मा का त्याग और संघर्ष छिपा है। बेटे के क्रिकेट सपने को ज़िंदा रखने के लिए उन्होंने अपनी दुकान बेच दी और कर्ज भी लिया। अभ्यास को बेहतर बनाने के लिए बॉलिंग मशीन खरीदी। परिवार का खर्च चलाने के लिए कभी कोल्ड ड्रिंक और पानी की सप्लाई की, तो कभी छोटी-मोटी मजदूरी भी की। आज वही संघर्ष इस ऐतिहासिक कामयाबी में बदल गया। 

पढ़ाई के साथ जिम्मेदारी: ट्यूशन से जुटाया खर्च

आर्थिक तंगी के बावजूद परिवार ने कभी कार्तिक को क्रिकेट से दूर नहीं किया। पिता प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाते हैं और कार्तिक ने भी अपने क्रिकेट किट और अभ्यास का खर्च निकालने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया। पढ़ाई और खेल दोनों में संतुलन बनाते हुए उन्होंने अपने सपने को आगे बढ़ाया। 

साधारण घर, असाधारण हौसले

कार्तिक भरतपुर के दारापुर इलाके में पेट्रोल पंप के पास रहते हैं। मां राधा शर्मा गृहिणी हैं। दो छोटे भाई प्रिंस और अनमोल भी पढ़ाई और खेल में आगे बढ़ रहे हैं। परिवार का भरोसा और समर्थन हर कदम पर कार्तिक की ताकत बना।

घर पर तेज रफ्तार अभ्यास का अनोखा तरीका

पिता ने कार्तिक के लिए 500 से ज्यादा गेंदें खरीदीं। रोजाना लगभग 150 किमी/घंटा की रफ्तार से आती गेंदबाजी से सिक्स मारने का अभ्यास कराया जाता था। यह अनोखी तैयारी ही उनके पावर-हिटिंग कौशल की नींव बनी। 

2014 से IPL तक: निरंतर प्रगति

कार्तिक ने 2014 में DCA के साथ क्रिकेट करियर शुरू किया। अंडर-14 और अंडर-16 के बाद वे राजस्थान अंडर-19 टीम के कप्तान बने और इंडिया-सी का प्रतिनिधित्व भी किया। 12वीं तक पढ़ाई पूरी करने के साथ-साथ उन्होंने क्रिकेट में निरंतर प्रगति की।