स्पोर्ट्स डेस्क : घटनाओं के एक चौंकाने वाले मोड़ में क्रिकेटर राहुल चाहर के पिता देशराज चाहर को गैलेक्सी निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के बिल्डर ने कथित तौर पर धोखा दिया है जिसने आगरा में एक आवास घोटाले को उजागर किया है। घटना तब सामने आईं जब देशराज चाहर ने मघटाई गांव में नवनिर्मित नरसी विलेज कॉलोनी में एक घर बुक करने के लिए बड़ी राशि जमा की, लेकिन उन्हें धोखे और धमकी के जाल में फंसा लिया गया।
2012 में संपत्ति में रुचि व्यक्त करने के बाद चाहर ने मकान नंबर 182 बुक करवा दिया जो शुरू में गीतम सिंह के नाम पर पंजीकृत था। हालांकि बाद में उन्होंने घर को अपने बेटे राहुल चाहर के नाम करने का विकल्प चुना। उन्हें धोखे का जरा भी अनुमान नहीं था जो उसका इंतजार कर रही थी। देशराज ने धैर्यपूर्वक निर्माण पूरा होने का इंतजार किया, लेकिन इसके समापन पर उन्हें बढ़ती निराशा और धोखे का सामना करना पड़ा। जब उन्होंने पंजीकरण प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की कोशिश की तो कंपनी के कर्मचारियों ने कथित तौर पर उनके अनुरोधों को टाल दिया और इसके बजाय धमकियों देने लगे। बिक्री प्रमुख पीयूष गोयल ने कथित तौर पर डराने-धमकाने का काम किया जिससे चाहर निराशा की स्थिति में आ गए।
दिल्ली के लाजपत नगर में कंपनी के कार्यालय तक पहुंच के बावजूद न ही कंपनी के मालिक वासुदेव गर्ग और न ही वित्त प्रमुख अरुण गुप्ता ने पंजीकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए कोई इच्छा दिखाई। इसके बाद देशराज ने शहर में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कार्यालय में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। नतीजतन, गैलेक्सी निर्माण प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए जगदीशपुरा पुलिस स्टेशन द्वारा एक जांच शुरू की गई है।
मामले पर जानकारी देते हुए डीसीपी सूरज राय ने स्थिति की गंभीरता की पुष्टि की। नवनिर्मित कॉलोनी में घर का पंजीकरण न कराने के संबंध में देशराज चाहर की शिकायत पर मामला दर्ज कर दोषी पक्षों के खिलाफ बनती कार्रवाही करेगी।