सिडनी : भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने रविवार को कहा कि खराब फॉर्म से जूझ रहे रोहित शर्मा और विराट कोहली में उत्कृष्ट प्रदर्शन की ललक है लेकिन उन्होंने इन दोनों के समेत सभी सीनियर खिलाड़ियों से घरेलू क्रिकेट खेलकर टेस्ट क्रिकेट के लिए अपनी प्रतिबद्धता साबित करने का आग्रह किया। दो बार विश्व कप विजेता रह चुके स्पष्टवादी गंभीर ने इसे लेकर भी कोई आश्वासन नहीं दिया कि रोहित या कोहली आगे टेस्ट टीम का हिस्सा होंगे या नहीं।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से मिली हार के साथ ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल खेलने का मौका भी गंवा दिया। गंभीर ने कहा, ‘अभी इस पर बात करने का समय नहीं है कि पांच महीने बाद हम कहां होंगे। खेल में बहुत कुछ बदलता है। फॉर्म बदलता है, लोग बदलते हैं, तेवर बदलते हैं, सब कुछ बदल जाता है। हमें पता है कि पांच महीने लंबा समय है।'
उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला (जुलाई) के समय देखेंगे कि क्या होता है। लेकिन जो भी होगा, वह भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हित में होगा।' रोहित ने खराब फॉर्म के कारण आखिरी टेस्ट से खुद को बाहर रखने से पहले पांच पारियों में 31 रन बनाये जबकि कोहली नौ पारियों में 190 रन ही बना सके। कोहली आठ बार स्लिप में कैच देकर आउट हुए।
यह पूछने पर कि क्या वह चाहते हैं कि सीनियर खिलाड़ी 23 जनवरी से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी में कम से कम एक दौर खेलें, उन्होंने साफ तौर पर कहा, ‘मैं हमेशा चाहता हूं कि सभी घरेलू क्रिकेट खेलें। घरेलू क्रिकेट को इतनी तवज्जो मिलनी चाहिए। सिर्फ एक मैच नहीं, अगर वे उपलब्ध हैं और टेस्ट क्रिकेट को लेकर प्रतिबद्ध हैं तो हर किसी को घरेलू क्रिकेट खेलनी चाहिए। अगर आप घरेलू क्रिकेट को महत्व नहीं देते तो टेस्ट क्रिकेट के लिये वैसे खिलाड़ी कभी नहीं निकलेंगे जैसे चाहिए।'
कोहली ने आखिरी बार 2012 में और रोहित ने 2015-16 में रणजी ट्रॉफी खेला था। रोहित और कोहली के भविष्य को लेकर अटकलबाजी का हिस्सा बनने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि वे दोनों ही तय करेंगे कि भारतीय क्रिकेट के लिये क्या सर्वश्रेष्ठ है। मैं किसी खिलाड़ी के भविष्य के बारे में बात नहीं कर सकता। यह उन्हें तय करना है लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि उनमें अभी भी भूख है, जुनून है। वे दृढ इंसान हैं और उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाते रहेंगे। वे जो भी तय करेंगे, भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हित में तय करेंगे।'
उन्होंने कहा, ‘हर खिलाड़ी को पता होता है कि उसका खेल और अच्छे प्रदर्शन की भूख कितनी है। यह किसी भी खेल या पेशे में सबसे महत्वपूर्ण है। आप कितना उत्कृष्ट प्रदर्शन करना चाहते हैं या आपके भीतर कितना जुनून है और आपके योगदान से टीम आगे जा रही है या नहीं।' गंभीर ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि खिलाड़ियों के कद और अनुभव के बावजूद सभी के प्रति समान व्यवहार करे। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं दो या तीन के प्रति सही रहूं और दूसरों के प्रति नहीं तो मैं अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं हूं।'
उन्होंने कहा, ‘तो अगर किसी खिलाड़ी ने पदार्पण नहीं किया है या कोई 100 टेस्ट खेल चुका है, मेरा काम सभी के प्रति समान बर्ताव करना है। अगर आप अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं तो सब ठीक होगा। ड्रेसिंग रूम को प्रसन्न रखने के लिए मुझे ईमानदार और सभी के प्रति निष्पक्ष होना होगा।'
भारतीय कप्तान रोहित ने खराब फॉर्म के कारण खुद को पांचवें टेस्ट से बाहर रखा था जिसकी गंभीर ने तारीफ की। उनहोंने कहा, ‘अगर कप्तान ने कोई फैसला लिया है तो किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हमने जवाबदेही की बात की और इसकी शुरूआत शीर्ष से होती है। रोहित शर्मा ने पिछले मैच में इसकी शुरूआत की।' यह पूछने पर कि इस दौरे पर हुई गलतियों को वह स्वीकार करते हैं, गंभीर ने कहा, ‘सबसे पहली बात कि यहां बैठा यह व्यक्ति सबसे पहले गलतियों को स्वीकार करेगा। इसलिए इसकी चिंता मत कीजिये कि यहां गलतियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।'