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स्पोर्ट्स डेस्क : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ में भारत की 0-2 से हार ने टीम इंडिया के प्रदर्शन और रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस निराशाजनक नतीजे के बाद पूर्व भारतीय स्पिनर अमित मिश्रा ने साफ शब्दों में कहा है कि अब सीनियर खिलाड़ियों को आगे आकर नेतृत्व और ज़िम्मेदारी दिखानी होगी। मिश्रा के मुताबिक, युवा खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद अनुभवहीनता को हार का बहाना नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों की भूमिका ऐसे हालात में सबसे अहम होती है। 

घरेलू सीरीज में भारत को एक और झटका

नवंबर में खेली गई इस टेस्ट सीरीज़ में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को उसी के घर में 0-2 से हराकर इतिहास रच दिया। कप्तान टेम्बा बावुमा, ऑलराउंडर मार्को जेनसेन और अनुभवी स्पिनर साइमन हार्मर के शानदार प्रदर्शन ने भारतीय टीम को पूरी तरह बैकफुट पर धकेल दिया। यह लगातार दूसरा साल रहा जब भारत को घरेलू टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले न्यूजीलैंड ने 0-3 से भारत को हराया था, जो 12 साल में घर पर भारत की पहली टेस्ट सीरीज हार थी।

SENA टीमों के खिलाफ बिगड़ता घरेलू रिकॉर्ड

इस हार के साथ ही SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) के खिलाफ घरेलू मैदान पर भारत का रिकॉर्ड और भी खराब हो गया। आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने घर पर इन टीमों के खिलाफ अपने पिछले पांच टेस्ट मैच गंवाए हैं। यह स्थिति उस टीम के लिए चिंताजनक है जो लंबे समय तक घरेलू टेस्ट क्रिकेट में अजेय मानी जाती रही है।

विकेट के हिसाब से बल्लेबाजी जरूरी: मिश्रा

ANI से बातचीत में अमित मिश्रा ने बल्लेबाज़ों की सोच पर सवाल उठाए। उनके अनुसार, हर पिच पर बड़े स्कोर बनाने की मानसिकता नुकसानदेह हो सकती है। उन्होंने कहा, “हर विकेट ऐसा नहीं होता जहां 200-220 रन बनाए जा सकें। कुछ पिचों पर 140 या 170 रन भी मैच जिताने के लिए काफी होते हैं। ज़रूरत है विकेट को समझकर खेलने की और परिपक्वता दिखाने की।”

सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका पर जोर

अमित मिश्रा ने खास तौर पर सीनियर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी पर जोर दिया। उनका मानना है कि अनुभवी खिलाड़ियों को युवाओं को सही मार्गदर्शन देना चाहिए। उन्होंने कहा, “सीनियर खिलाड़ियों को आगे बढ़कर युवाओं को बताना चाहिए कि किस गेंदबाज को निशाना बनाना है, कौन से शॉट खेलने हैं और किन हालात में संयम रखना जरूरी है। अनुभव का असली मूल्य ऐसे ही समय में दिखता है।”

स्पिन-फ्रेंडली पिचों पर धैर्य की परीक्षा

जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को अत्यधिक स्पिन-फ्रेंडली विकेट बनाना बंद कर देना चाहिए, तो मिश्रा ने इस विचार से असहमति जताई। उनका कहना था, “हम सालों से ऐसी पिचों पर खेलते आए हैं। समस्या विकेट की नहीं, बल्कि धैर्य और मानसिकता की है। अच्छे गेंदबाज का सम्मान करना सीखना होगा।”

कोचिंग स्टाफ के समर्थन में उतरे मिश्रा

हेड कोच गौतम गंभीर और कोचिंग स्टाफ पर हो रही आलोचना के बीच अमित मिश्रा उनके समर्थन में भी खड़े नजर आए। उन्होंने कहा, “कोच बाहर जाकर खेल नहीं सकता। खिलाड़ियों को ही जिम्मेदारी लेनी होगी। फैंस को ट्रोल करने के बजाय कोचिंग स्टाफ को समय देना चाहिए। हमने उनके अंडर एशिया कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीती है।”