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सिडनी : भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट में शानदार पदार्पण के बाद ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला ब्यू वेबस्टर के पास अपनी खुशी बयां करने के लिए अल्फाज नहीं हैं। ऑस्ट्रेलिया ने पांचवां टेस्ट छह विकेट से जीतकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी एक दशक बाद अपने नाम की। वेबस्टर ने सिडनी टेस्ट में दो पारियों में 57 और नाबाद 37 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने भारत की दूसरी पारी में शुभमन गिल का विकेट भी लिया। 

वेबस्टर ने कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं हैं। आपने एक सप्ताह पहले मुझे बताया होता कि ऐसा कुछ होगा तो मैं यकीन नहीं करता। यह सपने जैसा पदार्पण मैच था। तीन दिन के भीतर जीतकर बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे यकीन है कि सभी इसका जश्न मना रहे होंगे।' वेबस्टर ने वॉशिंगटन सुंदर को चौका लगाकर ऑस्ट्रेलिया को जीत तक पहुंचाया और उन्होंने कहा कि इस पल को वह कभी नहीं भूलेंगे। 31 वर्ष के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘उस समय हमें चार रन ही चाहिए थे और मैने जब वह कट खेलकर चौका लगाया तो मुझे लगा कि आपको अपने देश के लिये चौका लगाकर विजयी रन बनाने के कितने मौके मिलते हैं।' 

उन्होंने कहा, ‘मैने तय कर लिया था कि चौका लगाऊंगा और लगा भी सका। मैने सामने ट्रेविस हेड की ओर देखा जो खुशी से उछल रहा था। यह शानदार पल था जिसे मैं कभी नहीं भुला सकूंगा। शायद ऐसा कभी दोबारा नहीं होगा। निर्णायक टेस्ट में चौका लगाकर जीत तक पहुंचना। इससे बेहतर क्या हो सकता है।' वेबस्टर को खराब फॉर्म से जूझ रहे मिचेल मार्श की जगह आखिरी टेस्ट के लिए टीम में जगह मिली थी। उन्होंने स्वीकार किया कि शुरू में उन्हें अजीब लग रहा था। उन्होंने कहा, ‘यह अजीब पल था। मैं ऐन मौके पर अभ्यास के लिए आया और मुझे लगा नहीं था कि टीम में बदलाव होगा। मैं मैदान पर गया और मैने मिचेल से पूछा कि वह क्या कर रहा है तो उसने कहा कि इंतजार कर रहा हूं कि मैं टीम में हूं या नहीं। इसके बाद अगले एक घंटे में जब मैं चेंज रूम में गया तो उसने कहा कि तुम खेल रहे हो।'