स्पोर्ट्स डेस्क: दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बाद अब हरभजन सिंह का नाम भी चर्चा में है, जिन्हें बीसीसीआई के शीर्ष पद से जोड़ा जा रहा है। तेंदुलकर पहले ही सभी अफवाहों का खंडन कर चुके हैं। लेकिन 2011 विश्व कप विजेता स्पिनर ने अभी तक इन अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं की।
पंजाब में जन्मे हरभजन का नाम तब सुर्खियों में आया जब पीसीए ने कथित तौर पर 45 वर्षीय हरभजन को आगामी बीसीसीआई चुनावों में एक भूमिका के लिए नामित किया। भारत के लिए 367 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हरभजन अब चुनाव लड़ने के पात्र होंगे क्योंकि उन्हें राज्य संघ का समर्थन प्राप्त है, जो किसी भी उम्मीदवार के लिए एक बुनियादी आवश्यकता है।
पिछले कुछ वर्षों में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार अक्सर खेल संगठनों में शीर्ष प्रशासनिक पदों पर प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को नियुक्त करने की ओर झुकी रही है। सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी जैसे पूर्व क्रिकेटर बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभाल चुके हैं। चुनाव 28 सितंबर को होंगे जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों का फैसला होगा।
बीसीसीआई की पिछली वार्षिक आम बैठकों (एजीएम) को देखें, तो बड़ी प्रतिस्पर्धा की संभावना कम ही है। देवजीत सैकिया (सचिव), प्रभतेज सिंह भाटिया (कोषाध्यक्ष) और रोहन देसाई (संयुक्त सचिव) जैसे मौजूदा पदाधिकारियों के अपने पदों पर बने रहने की उम्मीद है। 12 सितंबर को राज्य क्रिकेट संघों के लिए अपने मतदान प्रतिनिधियों के नाम जमा करने की अंतिम तिथि थी। अंतिम सूची 13 सितंबर को जारी होने की उम्मीद है।
निर्वाचन अधिकारी के अनुसार उम्मीदवारों को यह बताना होगा कि क्या वे बीसीसीआई में रहे हैं। अधिसूचना में कहा गया है, 'प्रतिनिधि की ओर से एक सूचना पत्र जिसमें बीसीसीआई में प्रतिनिधि या बीसीसीआई के किसी भी पूर्ण सदस्य द्वारा पूर्व या वर्तमान में धारित सभी निर्वाचित पदों का विवरण हो। साथ ही निर्वाचित पदों के नाम और ऐसे पदों का कार्यकाल भी हो। इस संबंध में जानकारी निर्धारित फॉर्म सी में प्रतिनिधि द्वारा हस्ताक्षरित और नोटरी/शपथ आयुक्त द्वारा विधिवत सत्यापित करके जमा की जानी है।'