स्पोर्ट्स डेस्क : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में भारत की तीन दिनों में मिली करारी हार के बाद ईडन गार्डन्स की पिच चर्चा का केंद्र बन गई है। मुख्य कोच गौतम गंभीर ने पिच का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि यह वही सतह थी जिसकी टीम ने मांग की थी। लेकिन पूर्व कप्तान अनिल कुंबले इस दावे से असहमत दिखे और उन्होंने इसे “भ्रमित करने वाला” बताया। तेज़ टर्न, असमान उछाल और केवल 93 रन पर चौथी पारी में भारतीय टीम का ढहना कई सवाल खड़े करता है। इसी पिच को लेकर दोनों दिग्गजों की राय आमने-सामने आ गई है।
कुंबले का सवाल- क्या यह ईडन गार्डन्स की पहचान वाली पिच थी?
अनिल कुंबले ने मैच के बाद कहा कि ईडन गार्डन्स की विरासत में ऐसी पिच बहुत कम देखने को मिली है। उनका मानना था कि तीन दिनों में टेस्ट का समाप्त हो जाना बताता है कि पिच संतुलित नहीं थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अंडर-19 के दिनों से लेकर अब तक उन्होंने यहां कई मुकाबले खेले हैं, लेकिन ऐसा विकेट शायद ही कभी देखा हो। कुंबले के अनुसार, युवा टीम को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें ऐसी परिस्थितियों की जरूरत होती है जहाँ बल्लेबाज लंबी पारी खेल सकें और गेंदबाजों को चुनौती मिल सके। वह मानते हैं कि इंग्लैंड में टीम के हालिया प्रदर्शन से यह बात साबित हो चुकी है कि यह ग्रुप मुश्किल परिस्थितियों में भी टिककर खेल सकता है।
गंभीर का बचाव- पिच ने तकनीक और स्वभाव दोनों की परीक्षा ली
मुख्य कोच गौतम गंभीर ने पिच की आलोचना को सिरे से खारिज किया। उनका तर्क था कि विकेट ने तेज़ गेंदबाज़ों और स्पिनरों दोनों को मदद दी, लेकिन यह “अखाड़ा” नहीं था। गंभीर के अनुसार मैच का परिणाम पिच से नहीं, बल्कि बल्लेबाजों के स्वभाव और तकनीक में कमी से तय हुआ। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पिच बिल्कुल वैसी ही थी जैसी टीम प्रबंधन ने क्यूरेटर से तैयार करने को कहा था। गंभीर के मुताबिक 123 रन का लक्ष्य हासिल किया जा सकता था, यदि बल्लेबाज धैर्य और मजबूत डिफेंस के साथ खेलते।
रणनीति बनाम परिणाम : कुंबले और गंभीर की सोच में अंतर
गंभीर का मानना था कि यदि भारत यह मैच जीत जाता, तो पिच को लेकर इतनी आलोचना नहीं होती। लेकिन कुंबले का तर्क बिल्कुल उलट था, उनके अनुसार परिणाम चाहे जो भी हो, पिच की गुणवत्ता पर सवाल उठाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जीत के बावजूद भी यह पूछना चाहिए कि क्या ऐसी पिच टीम की असली क्षमता को दर्शाती है।
कुंबले ने दर्शकों की बड़ी संख्या का हवाला देते हुए कहा कि टेस्ट क्रिकेट का आनंद तभी है जब मैच प्रतिस्पर्धी हो और बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी दोनों की परीक्षा हो। उन्होंने भारतीय टीम की प्रतिभा पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह टीम किसी भी सतह पर खेल सकती है, इसलिए अत्यधिक टर्न या असमान उछाल वाली पिच की जरूरत नहीं।