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बाकू , अजरबैजान ( निकलेश जैन ) फीडे विश्व कप शतरंज के फाइनल में मात्र 18 वर्ष की आयु में पहुँचकर इतिहास बनाने वाले भारत के आर प्रज्ञानन्दा और विश्व के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी और पाँच बार के विश्व चैम्पियन मैगनस कार्लसन के बीच पहला क्लासिकल मुक़ाबला बराबरी पर खत्म हो गया है और अब सबकी निगाहे दूसरे क्लासिकल मुक़ाबले पर लगी है जिसमें जीतने वाला खिलाड़ी विश्व कप जीत जाएगा जबकि ड्रॉ होने पर निर्णय टाईब्रेक के जरिये निकाला जाएगा ।

सफ़ेद मोहरो से खेल रहे प्रज्ञानन्दा नें इस मुक़ाबले में अपने वजीर के तरफ के ऊंट के सामने वाले प्यादा दो घर चलकर या यूं कहें की इंग्लिश ओपनिंग खेलकर गेम की शुरुआत की कार्लसन नें भी जबाब में कार्लसन नें अपने दोनों घोड़े बाहर निकालते हुए फोर नाइट्स वेरिएशन खेला ,

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खेल की 7वीं चाल में कार्लसन को चौंकाया – प्रज्ञानन्दा नें यहाँ अनुभवी कार्लसन को खेल की सातवीं चाल में अपना b4 प्यादा चलकर चौंका दिया ,इस चाल का प्रयोग कार्लसन के खिलाफ 2020 में रूस के यान नेपोमनिशी नें किया था ,खैर कार्लसन नें समहलकर खेलते हुए प्रज्ञानन्दा को बढ़त बनाने का कोई मौका तो नहीं दिया और प्रज्ञानन्दा की बेहतर स्थिति को भापते हुए लगातार मोहोरो की अदला बदली की , खेल की 18वीं चाल तक दोनों के वजीर भी खेल से बाहर हो गए थे और 35 वीं चाल के बाद जब दोनों के पास एक हाथी , एक घोडा और तीन प्यादे थे मुक़ाबला ड्रॉ पर समाप्त हो गया ।

अब कल कार्लसन जब सफ़ेद मोहरो से खेलेंगे तो प्रज्ञानन्दा कम से कम उन्हे ड्रॉ पर रोककर रैपिड टाईब्रेक पर खेल को ले जाना चाहेंगे जिसमें उन्होने विश्व नंबर 2 यूएसए के नाकामुरा और विश्व नंबर 3 फबियानों करूआना को मात दी है । विश्व कप विजेता को एक लाख दस हजार डॉलर तो उपविजेता को 80 हजार डॉलर दिये जाएंगे ।