स्पोर्ट्स डैस्क : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला दिन पूरी तरह से भारत के नाम रहा। भारतीय टीम भले ही पहले टाॅस हार गई, लेकिन गेंदबाजों ने कंगारू बल्लेबाजों को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। नागपुर पिच पर स्पिन का जलवा देखने को मिला। पांच महीने बाद लाैटे रविंद्र जडेजा ने 5 विकेट लिए, जिसकी बदाैलत कंगारू टीम 177 रन ही ढेर हो गई। जडेजा के प्रदर्शन ने सबको हैरान कर दिया क्योंकि चोट से उभरकर ऐसी धमाकेदार वापसी करना आसान नहीं रहता। वहीं दिन का खेल खत्म होने के बाद जडेजा ने बयान देते हुए माना कि लंबे समय बाद वापसी करना मुश्किल था, लेकिन वह इसके लिए तैयार थे।

जडेजा ने कहा, ''मैं जिस तरह से गेंदबाजी की उससे काफी खुश हूं। मैं अपनी गेंदबाजी का मजा उठा रहा था। 5 महीने बाद खेलना, वो भी टेस्ट क्रिकेट खेलना, यह मुश्किल था लेकिन मैं इसके लिए तैयार था और मैं अपनी फिटनेस के साथ-साथ एनसीए में अपने कौशल पर कड़ी मेहनत कर रहा था। मैंने लंबे समय के बाद प्रथम श्रेणी का खेल (रणजी) खेला और मैंने लगभग 42 ओवर फेंके। इससे मुझे यहां आने और टेस्ट मैच खेलने का काफी आत्मविश्वास मिला।''

वहीं पिच को लेकर उन्होंने कहा, ''विकेट पर कोई उछाल नहीं था, मैं स्टंप-टू-स्टंप लाइन को निशाना बना रहा था। गेंद घूम रही थी और गेंद सीधी जा रही थी। बाएं हाथ का स्पिनर होने के नाते अगर आप बल्लेबाज को विकेट के पीछे कैच आउट या स्टंप आउट करते हैं तो आप हमेशा गेंद को श्रेय देते हैं। टेस्ट मैच क्रिकेट में, आप जो भी विकेट लेते हैं, आप उससे खुश होते हैं। जब मैं बैंगलोर में एनसीए में था तब मैं अपनी गेंदबाजी पर कड़ी मेहनत कर रहा था। मैं रोजाना 10-12 घंटे गेंदबाजी कर रहा था और इससे मुझे काफी मदद मिली। मैं अपनी लय पर काम कर रहा था क्योंकि मुझे पता था कि मुझे टेस्ट मैच खेलना है और मुझे लंबे स्पैल फेंकने हैं।''

बता दें कि पहले टेस्ट का पहला दिन जडेजा के नाम रहा। उन्होंने 22 ओवर गेंदबाजी की और 8 ओवर मेडन डालते हुए 5 विकेट हासिल किए। उन्होंने 11वीं बार एक पारी में 5 विकेट लिए। उनकी शानदार गेंदबाजी के कारण ही ऑस्ट्रेलिया ज्यादा स्कोर नहीं बना पाई। साथ ही उन्होंने कंगारू टीम के खिलाफ भारत में अपने 50 टेस्ट विकेट भी पूरे किए।