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स्पोर्ट्स डेस्क : लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में पाकिस्तान की हार ने कोच अज़हर महमूद को झकझोर कर रख दिया। एक समय मेजबान टीम मजबूत स्थिति में थी, 6 विकेट बाकी रहते 259 रनों की बढ़त। लेकिन 45 मिनट के भीतर ही पूरा बल्लेबाज़ी क्रम ध्वस्त हो गया और पाकिस्तान महज 17 रन जोड़कर ऑलआउट हो गया। दक्षिण अफ्रीका को 277 रनों का लक्ष्य मिला, जिसे उन्होंने हासिल कर मेजबानों से मैच छीन लिया। 

"हार की वजह हमारा शॉट चयन": अजहर महमूद का बयान

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अज़हर महमूद ने टीम के प्रदर्शन पर नाराज़गी जताते हुए साफ कहा कि हार का कारण सिर्फ पिच नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की खराब सोच और जल्दबाजी है। उन्होंने कहा, “हम खुद को मुश्किल में डाल बैठे। जब हमारा स्कोर 150/4 था, तब मैच पूरी तरह हमारे नियंत्रण में था। लेकिन हमने 6 विकेट 17 रन पर गंवाए — इसके लिए पिच नहीं, बल्कि हमारे शॉट चयन और निर्णय जिम्मेदार हैं।” कोच ने दो टूक कहा कि बल्लेबाज़ों को धैर्य और तकनीक से काम लेना होगा, खासकर धीमी पिचों पर।

पहली पारी में भी दोहराई वही पुरानी गलती

पाकिस्तान की कमजोरियाँ पहली पारी में ही दिख गई थीं, जब टीम ने 199/2 से बिना रन जोड़े तीन विकेट गंवा दिए। मोहम्मद रिज़वान और सलमान आगा की 163 रनों की साझेदारी ने टीम को संभाला जरूर, लेकिन बाद में फिर ढह गई।
अज़हर ने कहा, “हमने कई बार देखा है कि शुरुआत अच्छी होती है, लेकिन बल्लेबाज़ उसे बड़े स्कोर में नहीं बदल पाते। यही वजह है कि हमारे पास बढ़त लेने का मौका होते हुए भी हम मैच गंवा देते हैं।”

“पिच पर बल्लेबाजी आसान थी, बस धैर्य की कमी रही”

कोच ने पिच की आलोचना करने से इनकार करते हुए कहा कि यह बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल नहीं थी, बल्कि मानसिक संतुलन का मामला था। उन्होंने कहा, “यह कोई असमान पिच नहीं थी। अगर आप टिककर खेलते, तो रन बनाना आसान था। लेकिन जैसे ही बल्लेबाज दबाव में आए, उन्होंने गलत शॉट चुने। यह मानसिक दृढ़ता का खेल है - न कि सिर्फ तकनीक का।” 

सऊद शकील का आउट होना बना टर्निंग पॉइंट

चाय के ठीक पहले सऊद शकील का गैरज़रूरी शॉट पाकिस्तान की हार का मोड़ साबित हुआ। वह 38 रन पर सेट थे, लेकिन बेवजह उछाल भरा शॉट खेलकर आउट हो गए। महमूद ने कहा, “सेशन खत्म होने से पहले ऐसा जोखिम लेना समझदारी नहीं थी। उस एक आउट ने मैच की दिशा बदल दी। चाय के बाद रिज़वान भी जल्द आउट हो गए और हम फिर से वही गलती दोहराते रहे।” 

“हमें सीखना होगा कब जोखिम लेना है” : कोच की दो टूक

अंत में महमूद ने कहा कि टीम को केवल तकनीक नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती भी विकसित करनी होगी। “टेस्ट क्रिकेट धैर्य का खेल है। हमें यह समझना होगा कि कब शॉट खेलना है और कब रुकना है। शाहीन अफरीदी को आगे भेजना रणनीतिक कदम था, लेकिन दूसरे बल्लेबाजों को कम जोखिम लेना चाहिए था। अगर हम 25-30 रन और जोड़ते, तो मैच हमारे पक्ष में हो सकता था।”