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स्पोर्ट्स डेस्क: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर एबी डिविलियर्स (AB de Villiers) ने मोहम्मद शमी के बार-बार भारतीय टीम से बाहर रहने के पीछे की संभावित वजहें बताई हैं। उनका मानना है कि शमी की गेंदबाज़ी में अब पहले जैसी “तेज़ी” नहीं रही और उनकी फिटनेस में आई गिरावट ने भी चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है।

शमी को हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ और ऑस्ट्रेलिया दौरे की वनडे व टी20 टीमों में जगह नहीं मिली। इससे पहले उन्होंने आखिरी बार 2025 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जहा उन्होंने पांच मैचों में नौ विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया था।

डिविलियर्स ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'ये टीम इंडिया का बड़ा फैसला है। ऐसा लगता है कि चयनकर्ता अब उनसे आगे बढ़ चुके हैं। हो सकता है कि वे अब भी कुछ चोटों से जूझ रहे हों या उनकी रफ्तार में थोड़ी कमी आई हो। शायद वही कारण है कि वे अब टीम का हिस्सा नहीं हैं।'

उन्होंने आगे कहा, 'मैंने गौर किया है कि उनकी गेंदों में पहले जैसी ‘ज़िप’ नहीं रही। उन्होंने एक ‘यार्ड’ की रफ्तार खो दी है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उनका करियर खत्म हो गया है। अगर वे फिटनेस और स्पीड वापस पा लेते हैं, तो मैं पक्का मानता हूं कि वे शानदार वापसी करेंगे। मैं शमी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं — वे हमेशा बल्लेबाज़ों को सवालों में डाल देते हैं।'

रणजी ट्रॉफी में धमाकेदार वापसी

भारतीय टीम से बाहर होने के बावजूद शमी ने घरेलू क्रिकेट में मजबूत वापसी की है। बंगाल की ओर से रणजी ट्रॉफी में उतरते हुए उन्होंने उत्तराखंड के खिलाफ पहले ही मैच में तीन विकेट झटके। शमी ने 14.5 ओवर में सिर्फ 37 रन देकर विपक्षी टीम को 213 रनों पर समेटने में अहम भूमिका निभाई।

डिविलियर्स ने इस प्रदर्शन को शमी के लिए “कमबैक की शुरुआत” बताया और कहा कि अगर वे लगातार फिट रहते हैं, तो चयनकर्ता उन्हें फिर नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे।