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नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के संघ के महासंघ फिका ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र में बड़ा बदलाव हो रहा है और भारत को छोड़कर बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अपने देश का केंद्रीय अनुबंध ठुकराकर दुनिया भर की टी20 लीग में खेलने के लिए फ्रीलांस एजेंट (जो राष्ट्रीय टीम से अनुबंधित नहीं होते और कहीं भी खेल सकते हैं) बन रहे हैं।


भारत की खिलाड़ी संस्था फिका के दायरे में नहीं आती इसलिए इस सर्वेश्रण में भारतीय क्रिकेटर शामिल नहीं हैं।


नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अगर घरेलू लीग में खेलने के लिए अधिक राशि मिलती है तो 49 प्रतिशत खिलाड़ी केंद्रीय अनुबंध ठुकराने पर विचार कर सकते हैं।’’

तरह की बहस चल रही है कि 50 ओवर का क्रिकेट तेजी से अपना संदर्भ खो रहा है और इस सर्वेक्षण से सुझाव मिलता है कि ऐसे क्रिकेटरों के प्रतिशत में गिरावट आई है जिन्हें अब भी लगता है कि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के कैलेंडर की सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिता है।


रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘54 प्रतिशत को अब भी लगता है कि 50 ओवर का विश्व कप आईसीसी की शीर्ष प्रतियोगिता है, हालांकि इस प्रतिशत में काफी गिरावट आई है जो 2018-19 के फिका सर्वेश्रेष्ठ के अनुसार 86 प्रतिशत थी।’’

रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष नौ में शामिल टीमों ने 2021 में औसत 81.5 दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला जबकि 10वें से 20वें स्थान की टीम के लिए यह औसत 21.5 दिन रहा।


वर्ष 2021 में 485 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले गए जो कोविड-19 के बीच 2020 में हुए 290 मुकाबलों की तुलना में 195 अधिक हैं। यह आंकड़ा हालांकि 2019 में दुनिया भर में हुए 522 मैच से कम है।


मोहम्मद रिजवान 2021 में 80 कैलेंडर दिन खेलकर सबसे अधिक दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी रहे। भारतीय क्रिकेटरों में ऋषभ पंत 75 दिन के साथ शीर्ष पर रहे। जो रूट 2021 में 78 दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली।



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