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कोलकाता : घरेलू क्रिकेट में अब तक बंगाल का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने सोमवार को कहा कि उनका नया ‘घरेलू मैदान' ऐतिहासिक ईडन गार्डन नहीं, बल्कि गुजरात का मोटेरा स्टेडियम है। इंडियन प्रीमियर लीग में गुजरात टाइटंस का प्रतिनिधित्व कर रहे इस अनुभवी विकेटकीपर ने 2007 में अपने पदार्पण रणजी मैच में शतक लगाया था।  बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अधिकारियों के साथ मन मुटाव के बाद उन्होंने हालांकि अब इस राज्य का प्रतिनिधित्व नहीं करने का फैसला किया है। सीएबी के एक अधिकारी द्वारा राज्य रणजी टीम के लिए उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने के बाद साहा ने घरेलू किकेट में बंगाल को छोड़ने का मन बनाया है। 

साहा ने आईपीएल के क्वालीपायर मैच से पहले ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं यहां गुजरात का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, इसलिए मेरा घरेलू मैदान मोटेरा स्टेडियम है। मैं अब केकेआर (कोलकाता नाइट राइडर्स) के साथ नहीं हूं, ऐसे में ईडन मेरा घरेलू मैदान नहीं है। साहा की सहमति के बिना ही उन्हें झारखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल मैच के लिए राज्य की टीम में चुन लिया गया। वह हालांकि इसके ग्रुप चरण के मैच नहीं खेले थे। 

यह अनुभवी विकेटकीपर इस बात से नाराज है कि सीएबी के सहायक सचिव देवव्रत दास ने रणजी लीग चरण से हटने के बाद उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया था। साहा का मानना है कि राज्य संघ ने उनके ‘कठिन समय' के दौरान उनका समर्थन नहीं किया है। उन्होंने मौखिक रूप से बंगाल छोड़ने के लिए सीएबी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की मांग की है। साहा आईपीएल में शानदार लय में चल रहे है। उन्होंने तीन अर्धशतकीय पारियों की मदद से 312 रन बनाए है। 

मुख्य कोच राहुल द्रविड ने साहा को स्पष्ट कर दिया कि वे ऋषभ पंत के साथ टीम में एक युवा विकेटकीपर को तलाश रहे हैं, ऐसे में उन्हें भारतीय टीम से बाहर होना पड़ा। इंग्लैंड में खेले जाने वाले टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में चयन नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर साहा ने कहा कि यह मेरे लिए हमेशा टीम पहले है और व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं है। मैं (भारत टीम) चयन के बारे में नहीं सोच रहा हूं क्योंकि हम यहां क्वालीफायर मुकाबले को खेलने आए हैं। हमारा सारा ध्यान इस मैच पर है। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ इस मैच से पहले उन्होंने कहा कि मेरा मुख्य लक्ष्य हमेशा बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में योगदान देना होता है। यह मेरी पहली प्राथमिकता है। अर्धशतक या शतक जैसी व्यक्तिगत उपलब्धि किसी बोनस की तरह होता है।