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एम्सटेलवीन : अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रही भारतीय महिला हॉकी टीम को अगर एफआईएच विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में सीधे प्रवेश करना है तो गुरुवार को यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने अंतिम पूल बी मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए एतिहासिक चौथा स्थान हासिल करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने पहले दो मैचों में तोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता इंग्लैंड और चीन से 1-1 से ड्रॉ खेला। 

सविता की अगुआई वाली भारतीय टीम अभी दो अंक के साथ पूल बी में तीसरे स्थान पर है। चीन और न्यूजीलैंड उससे ऊपर हैं। न्यूजीलैंड ने मंगलवार को इंग्लैंड को 3-1 से हराया। टूर्नामेंट के प्रारूप के अनुसार 16 टीम को चार-चार टीम के चार पूल में बांटा गया है। प्रत्येक पूल की शीर्ष टीम सीधे क्वार्टर फाइनल में जगह बनाएंगी जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम के बीच क्रॉसओवर होगा। 

क्रॉसओवर में पूल ए में दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम पूल डी में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम से भिड़ेगी जबकि पूल ए में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम की भिड़ंत पूल डी में दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से होगी। इसी तरह पूल बी में दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम का सामना पूल सी में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम से होगा जबकि पूल बी में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम पूल सी में दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से खेलेगी। इन चारों मुकाबले के विजेता क्वार्टर फाइनल में जगह बनाएंगे। 

पूल बी में शीर्ष पर रहने के लिए भारत को न्यूजीलैंड को हराना होगा और साथ ही उम्मीद करनी होगी कि इंग्लैंड के खिलाफ चीन की टीम जीत दर्ज नहीं कर पाए। पहले दो मैच में अगर भारत के प्रदर्शन को आधार माना जाए जो टीम के लिए न्यूजीलैंड को हराना आसान नहीं होगा। भारतीय डिफेंस ने दोनों मैच में प्रभावित किया। पहले मैच में तो इंग्लैंड की टीम एक भी पेनल्टी कॉर्नर हासिल नहीं कर पाई लेकिन दोनों ही मुकाबलों में अग्रिम पंक्ति और मिडफील्ड ने निराश किया। 

भारत के लिए दोनों गोल करने वाली वंदना कटारिया के अलावा कोई अन्य स्ट्राइकर अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई है। लालरेमसियामी, शर्मिला देवी और नवनीत कौर ने निराश किया है। भारत ने मौके तो बनाए हैं लेकिन उन्हें गोल में बदलने में टीम नाकाम रही है। मिडफील्ड को भी अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा। मुख्य कोच यानेक शॉपमैन के लिए पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में नाकामी भी बड़ी समस्या है। दो मैच में भारतीय टीम 12 पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल ही कर सकी है और दोनों गोल वंदना ने रिबाउंड और डिफलेक्शन से किए। 

ड्रैगफ्लिकर गुरजीत कौर को अपने कौशल को निखारने की जरूरत है और अगर भारत को टूर्नामेंट में आगे बढ़ना है तो पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने के प्रतिशत में सुधार करना होगा। रैंकिंग पर नजर डालें तो दोनों टीम के बीच अधिक अंतर नजर नहीं आता। न्यूजीलैंड दुनिया की आठवें जबकि भारत नौवें नंबर की टीम है। इंग्लैंड के खिलाफ जीत के बाद न्यूजीलैंड की टीम हालांकि आत्मविश्वास से भरी होगी। गुरुवार को इन दोनों टीम से पहले चीन और इंग्लैंड के बीच मुकाबला होगा जिससे इन्हें पता रहेगा कि सीधे क्वालीफाई करने के लिए उन्हें क्या करना है।