खेल डैस्क : पाकिस्तान के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड जीतकर अरशद नदीम ने इतिहास रच दिया। वह पाकिस्तान के लिए पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले प्लेयर हैं। 92.97 मीटर के उनके अविश्वसनीय थ्रो ने न केवल उन्हें स्वर्ण दिलाया बल्कि 2008 में बनाए गए 90.57 मीटर के ओलंपिक रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। बहुत कम लोग जानते हैं कि अरशद भाला फेंक गेम में आने से पहले क्रिकेट खेलते थे और इसी में अपना करियर बनाने की सोचते थे फिर एक दिन उसने क्रिकेट को अलविदा बोल दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक अरशद नदीम को अपना क्रिकेट खेलने का सपना इसलिए छोड़ना पड़ा क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। नदीम के भाई शाहिद ने कहा कि सीमित वित्तीय संसाधनों वाले एक बड़े परिवार में पले-बढ़े नदीम शुरू में एक क्रिकेटर बनने की इच्छा रखते थे। हालांकि, परिवार में आर्थिक तंगी थी जिस कारण नदीम को अपना सपना छोड़ना पड़ा।
शाहिद ने कहा कि हमारा 9 लोगों का परिवार हैं - पांच भाई, 2 बहनें और हमारे माता-पिता। हमारे पिता एक मजबूर हैं और वह परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे। क्रिकेट एक महंगा खेल है और हम इसे वहन नहीं कर सकते थे। इन चुनौतियों के बावजूद, नदीम ने एथलेटिक्स में अपनी पहचान बनाई और अपने स्कूल के एक शिक्षक द्वारा एक खेल में विशेषज्ञता के लिए प्रोत्साहित किए जाने के बाद अंततः भाला फेंक पर ध्यान केंद्रित किया।
नदीम ने भाला फेंक गेम क्यों चुनी, सवाल पर कहा कि पहले मैं हर चीज में भाग लेता था - 200 मीटर, 400 मीटर, लंबी कूद, भाला फेंक आदि। एक बार स्कूल टीचर ने मुझे पास बुलाया और किसी एक गेम पर फोक्स करने को कहा। क्योंकि उस वक्त मेरी थ्रो अच्छी थी तो मैंने भाला फेंक गेम को ही आगे बढ़ाने की सोची।
ससुर ने दी भैंस
बता दें कि पाकिस्तान भले ही अपने भाला फेंक ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अरशद नदीम को नकद पुरस्कारों और अन्य बहुमूल्य पुरस्कारों से नवाज रहा हो, लेकिन उनके ससुर ने ग्रामीण परवरिश और परंपरा के साथ मेल खाते हुए उन्हें भैंस उपहार में देने का फैसला किया है। मोहम्मद नवाज ने रविवार को नदीम के गांव में स्थानीय मीडिया को बताया कि उनके गांव में भैंस उपहार में देना ‘बहुत मूल्यवान’ और ‘सम्मानजनक’ माना जाता है।