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डबलिन : आयरलैंड के खिलाफ दूसरे टी20 में शतक लगाने वाले दीपक हुड्डा ने कहा है कि उनके खेल में निखार का कारण उनकी बदली हुई मानसिकता है। हुड्डा ने मैच के बाद कहा, 'एक क्रिकेटर होने के नाते मैंने यह सीखा है कि आपको बहुत दूर तक नहीं सोचना चाहिए। आप कितनी भी सीरीज खेलें, एक बार में एक मैच की ओर ही देखना चाहिए। अगर मेरी कार्य नीति ठीक है तो मेरी मानसिकता भी बेहतर होगी और मैं रन भी बनाऊंगा।' 

डबलिन में मंगलवार को खेले गए रोमांचक टी20 में भारत ने हुड्डा (104) की शतकीय पारी की बदौलत आयरलैंड के सामने 226 रन का लक्ष्य रखा था। इसके जवाब में आयरलैंड ने भी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए अपने 20 ओवर में 221 रन बनाये और सिर्फ चार रन से मैच हारी। हुड्डा ने आयरलैंड की तारीफ करते हुए कहा, 'सच कहूं तो आयरलैंड ने हमारे खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया और हमें भी उनके साथ खेलकर अच्छा लगा। पहले और दूसरे मैच की पिच में काफी अंतर था। पहले मैच में बारिश के कारण पिच भीगी हुई थी, लेकिन आज विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा था जो दोनों टीमों की बल्लेबाजी में दिखा भी।' 

जब हुड्डा से टीम में उनकी जगह पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जब आप भारत की जर्सी पहन कर खेल रहे होते हैं तो आप टीम के बारे में सोचते हैं, न कि अपने बारे में। हुड्डा ने कहा, 'भारतीय टीम में जगह पाना और फिर वहां अपनी जगह कायम रखना मुश्किल है, मगर इसी के साथ जब आप भारत की जर्सी पहन कर खेलते हैं तो आप अपने बारे में बिलकुल नहीं सोचते। आप टीम के बारे में सोचते हैं। मैं मैदान पर यही सोचता हूं कि मैं किसी स्थिति में टीम में क्या योगदान दे सकता हूं, इससे ज्यादा कुछ नहीं। यह मेरे लिये गर्व की बात है कि मैं भारत के लिये खेल रहा हूं, चाहे मैं रन बनाऊं या नहीं।' 

दो मैचों की श्रंखला में 151 रन (47*, 104) रन बनाने वाले हुड्डा को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। पहले मैच में हुड्डा ने रुतुराज गायकवाड के चोटिल होने के बाद भारत के लिए ओपनिंग की थी और मैच को समाप्त भी किया था। पहली बार सलामी बल्लेबाज का किरदार निभाने के बारे में हुड्डा ने कहा, 'सच कहूं तो मैं थोड़ा दबाव महसूस कर रहा था, मगर मुझे नॉन-स्ट्राइकर छोर पर अच्छे साझेदार मिले जो मुझे समझाते रहे। इससे मेरा दबाव कम हुआ।' 

हुड्डा ने कहा, 'मैंने कभी एक अंतरराष्ट्रीय मैच में पारी की शुरुआत नहीं की है, लेकिन ऊपरी क्रम का बल्लेबाज होने के नाते आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आपके पास विकल्प नहीं होते, और यदि आपके पास विकल्प नहीं हैं तो क्यों न आप एक योद्धा की तरह मैदान पर उतरें।' हुड्डा ने हार्दिक पांड्या की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा, 'जाहिर है, हार्दिक बहुत अच्छी कप्तानी कर रहे हैं। आपने आईपीएल में भी देखा कि उन्होंने एक नई फ्रेंचाइज़ी की कप्तानी की और वह आईपीएल जीते। मैं उनके लिये बेहद खुश हूं और जिस तरह वह जिम्मेदारी ले रहे हैं, मुझे उन पर गर्व है।'