स्पोर्ट्स डैस्क : भारतीय स्टार बल्लेबाज शिखर धवन अपनी रंगीन लाइफ जीने के लिए जाने जाते हैं। मैदान पर सस्ते में आउट होने के बावजूद जब वो मुस्कुराते हुए पवेलियन जाते हैं तो उनका ये अंदाज प्रशंसकों को लुभा जाता है। हालांकि, एक समय ऐसा भी था जब धवन बिल्कुल डर गए थे। ऐसा तब हुआ जब उन्हें एचआईवी टेस्ट कराना पड़ा। इस बात का खुलासा खुद धवन ने किया। जी हां...धवन ने कहा कि एक बार मनाली ट्रिप के बाद वह बहुत डरे हुए थे और इसलिए उन्होंने एचआईवी टेस्ट करवाया था।
धवन ने टेस्ट करवाने की वजह भी बताई। साथ ही बताया कि उन्हें उनके पिता के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा था। दरअसल, धवन के पूरे शरीर पर टैटू हैं। उन्हें शुरू से ही अपने शरीर पर टैटू बनवाने का शौक रहा है। लेकिन एक बार यही जुनून धवन के लिए सिरदर्द बन गया, जब उन्होंने अपने परिवार को बिना बताए 14-15 साल की उम्र में अपनी पीठ पर टैटू बनवाया था।

धवन 14-15 साल की उम्र में मनाली घूमने गए थे। उस समय उन्होंने घर पर बिना बताए अपनी पीठ पर टैटू बनवा लिया था। अगले 3-4 महीनों तक उन्हें घर पर इस टैटू के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन जब पिता को इस टैटू के बारे में पता चला तो उन्होंने धवन की पिटाई कर दी। धवन के मुताबिक इस घटना के बाद वह काफी डरे हुए थे क्योंकि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि एक सुई से कितने लोगों ने टैटू गुदवाया होगा। उन्होंने बताया कि वह चिंता में पढ़ गए थे कि कहीं सुई के कारण एचआईवी ना हो गया हो...ऐसे में उन्होंने फिर डर के मारे टेस्ट कराया, जो निगेटिव आया।
बता दें कि धवन ने तब अपनी पीठ पर जो टैटू बनवाया था वह बिच्छू का था। फिलहाल अब उन्होंने अपने शरीर पर एक से बढ़कर एक टैटू बनाए रखे हैं। इसमें शंकर और अर्जुन का टैटू भी है। धवन ने कहा कि अर्जुन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज थे और इसलिए उन्होंने यह टैटू बनवाया।