लंदन : अनुभवी सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना तीन मैचों की श्रृंखला के दूसरे एकदिवसीय में इंग्लैंड से हार के बाद स्वीकार किया कि भारतीय खिलाड़ी लॉर्ड्स मैदान की मुश्किल परिस्थितियों के अनुकूल नहीं ढल पाए और बल्लेबाजों ने समझदारी भरे शॉट नहीं खेले। भारत ने साउथम्पटन में खेले गए पहले मैच में चार विकेट से जीत हासिल की लेकिन शनिवार को लॉर्ड्स में खेले गये बारिश से प्रभावित मुकाबले में उन्हें आठ विकेट से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। उप-कप्तान मंधाना (42) और दीप्ति शर्मा (30 नाबाद) को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने चुनौती पेश करने में विफल रहा। भारतीय टीम 29 ओवर में आठ विकेट पर 143 रन ही बना सकी।
मंधाना ने मैच के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम परिस्थितियों के अनुकूल जल्दी नहीं ढल पाये। हमने कुछ ऐसे शॉट खेलने की कोशिश की जो लॉर्ड्स जैसी पिच शायद आसान नहीं थे।' मंधाना ने स्वीकार किया कि मैच शुरू होने से पहले बारिश के कारण लंबे ब्रेक से खिलाड़ियों की एकाग्रता प्रभावित हुई। उन्होंने कहा, ‘बारिश से प्रभावित मैच में ध्यान केंद्रित करना हमेशा बहुत मुश्किल होता है। हमें मैच शुरू होने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। इस तरह के मैचों में टॉस अगर आपके पक्ष में नहीं रहा तो मुश्किलें और बढ़ सकती है। यह हम सभी के लिए एक कड़ी चुनौती थी। हम कुछ पहलुओं पर और बेहतर कर सकते थे।'
इस खब्बू बल्लेबाज ने कहा कि कहा कि लॉर्ड्स में रन बनाना हमेशा मुश्किल काम होता है और उनकी टीम कुछ महत्वपूर्ण सबक लेकर वापस लौटेगी। उन्होंने कहा, ‘कई खिलाड़ियों को लॉर्ड्स में पहली बार खेलने का मौका मिला। उत्साह काफी ज्यादा था। इसलिए मुझे यकीन है कि बहुत से इन खिलाड़ियों ने काफी कुछ सीखा होगा।'
भारत ने 2017 में इसी मैदान पर इंग्लैंड से विश्व कप फाइनल हारा था। इस मैच में नौ रन की हार के बावजूद टीम के प्रदर्शन का ग्राफ उसके बाद ऊपर चढ़ा। मंधाना ने कहा कि पिछले आठ साल भारत में महिला क्रिकेटरों के लिए शानदार रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘महिला क्रिकेट, खास कर भारत में 2017 के बाद काफी बदलाव आया है। हम सब उस दिन जीत नहीं पाने से बहुत निराश थे, लेकिन जब हम भारत लौटे तब हमें नायकों जैसा स्वागत मिला। हर कोई महिला क्रिकेट के बारे में बहुत कुछ जानने लगा।'
उन्होंने कहा, ‘पिछले आठ वर्षों से हम जहां भी खेलते हैं स्टेडियम में मौजूद भारतीय प्रशंसकों की संख्या से हमें लगता है कि हम घरेलू मैदान पर खेल रहे हैं। लोग हमें देखने आते हैं, हमारी आलोचना करते हैं, हमारी सराहना करते हैं, जो सब अच्छा है क्योंकि इससे क्रिकेट को बढ़ावा मिल रहा है।'