स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना व्यक्तिगत उतार-चढ़ाव के बीच एक बार फिर पूरी मजबूती के साथ पब्लिक इवेंट में दिखाई दीं। हाल ही में संगीतकार पलाश मुच्छल से उनकी शादी टूटने की पुष्टि के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी। भारत मंडपम में आयोजित अमेजन सम्भव समिट में कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ शामिल होकर स्मृति ने अपने 12 साल के क्रिकेट करियर, संघर्षों, और भारतीय जर्सी के लिए उनके अनमोल समर्पण की कहानी साझा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि क्रिकेट से ज्यादा किसी चीज से प्यार नहीं करती।
अमेजन सम्भव समिट में पहली सार्वजनिक उपस्थिति
7 दिसंबर को इंस्टाग्राम पोस्ट में अपनी शादी टूटने की पुष्टि करने के बाद स्मृति मंधाना पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आईं। बुधवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित अमेजन सम्भव समिट के दौरान उनके चेहरे पर पेशेवर आत्मविश्वास और संयम साफ दिखाई दिया। कार्यक्रम में कप्तान हरमनप्रीत कौर भी मौजूद थीं। स्मृति को 21 दिसंबर से विशाखापत्तनम में शुरू होने वाली श्रीलंका के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना गया है, जिससे उनके क्रिकेट मैदान पर नए अध्याय की शुरुआत होगी।
क्रिकेट से ज्यादा किसी चीज से प्यार नहीं : मंधाना
समिट में स्मृति मंधाना ने अपने करियर की शुरुआत, संघर्ष और सफलता की यात्रा पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि 2013 में डेब्यू से लेकर महिला विश्व कप जीत तक, क्रिकेट ही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा रहा है। स्मृति ने साफ शब्दों में कहा, 'पिछले 12 सालों में मैंने यही सीखा है कि मैं क्रिकेट से ज़्यादा किसी चीज से प्यार नहीं करती। भारतीय जर्सी पहनना मेरे लिए दुनिया की सबसे बड़ी प्रेरणा है।' उन्होंने बताया कि मैदान पर उतरते ही जीवन की सभी परेशानियां पीछे छूट जाती हैं और केवल देश के लिए खेलने का गर्व ही आगे रहता है।
बचपन का सपना : दुनिया की चैंपियन बनने की चाह
स्मृति ने कहा कि क्रिकेट उनके जीवन में शुरुआत से ही खास था। बचपन से ही उनके मन में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बनने का सपना था। उन्होंने बताया, “जब मैं छोटी थी, बैटिंग का जुनून किसी से छिपा नहीं था। लोग समझ नहीं पाते थे कि मैं इतना क्रिकेट क्यों खेलती हूं, लेकिन मेरे मन में हमेशा था कि मैं कभी दुनिया की चैंपियन कहलाऊं।” उनकी यह सोच आज भारतीय महिला क्रिकेट की अहम ताकत बन चुकी है।
झूलन गोस्वामी और टीम के लिए भावुक पल
मंधाना ने इस दौरान झूलन गोस्वामी का भी जिक्र किया और बताया कि विश्व कप जीत उनके लिए कितना भावुक क्षण था।उन्होंने कहा, “हम सच में झूलन दी के लिए यह जीतना चाहते थे। उनकी आंखों में आंसू देखकर लगा कि पूरी महिला क्रिकेट की जीत हो गई। वह एक लड़ाई थी जिसे उन्होंने हमारी पीढ़ी के लिए लड़ा।” इस बयान से मंधाना ने दिखाया कि टीम की सफलता व्यक्तिगत उपलब्धियों से कहीं बड़ी होती है।