स्पोर्ट्स डेस्क: एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान को हराने के बाद भारतीय टीम ने विजेता ट्रॉफी और मेडल लेने से साफ इंकार कर दिया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मौजूदा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी टीम को ट्रॉफी सौंपने आए। भारतीय टीम ने ट्रॉफी लेने से मना कर दिया, जिसके चलते पोस्ट-मैच पुरस्कार समारोह लगभग 45 मिनट तक स्थगित रहा।
मैदान पर निर्णय
कप्तान सुर्यकुमार यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह निर्णय मैदान पर ही टीम ने लिया। उन्होंने स्पष्ट किया, 'किसी ने हमसे ऐसा करने को नहीं कहा। हमने मैदान पर इंतजार किया। अगर कोई टीम इतनी मेहनत करके जीतती है, तो उसे ट्रॉफी का हक नहीं मिलेगा? यह हमारी मेहनत का सम्मान है।'
ACC और नकवी पर नाराजगी
सुर्यकुमार ने ACC की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उनके क्रिकेट करियर में यह पहली बार हुआ कि विजेता टीम को उसकी मेहनत का सम्मान नहीं मिला। उन्होंने ACC पर आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी टीम को सुनियोजित रूप से ट्रॉफी से वंचित किया गया।
ट्रॉफीलेस जश्न
भारतीय टीम ने इस निर्णय के साथ पॉडियम पर ट्रॉफी के बिना ही जश्न मनाया, जो सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत में बड़े विषय के रूप में चर्चा में आया। खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को गले लगाकर जीत का जश्न मनाया और प्रशंसकों के साथ इस ऐतिहासिक पल को साझा किया।
पूर्व प्रतिक्रियाएं
कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ी और अधिकारी इस निर्णय पर नाराज दिखे। वहीं भारतीय टीम के प्रशंसक इसे देशभक्ति और टीम के आत्मसम्मान की मिसाल मान रहे हैं। सुर्यकुमार ने यह भी कहा कि टीम ने फाइनल में लगातार दो शानदार प्रदर्शन किए और इस जीत को कड़ी मेहनत और रणनीति का नतीजा बताया।
यह विवाद केवल ट्रॉफी लेने का मामला नहीं है, बल्कि क्रिकेट के खेल में सम्मान और आत्मसम्मान का प्रतीक बन गया। भारतीय टीम ने यह संदेश दे दिया कि जीत केवल रनों और मैच तक सीमित नहीं है, बल्कि मूल्यों और निर्णयों पर भी निर्भर करती है।