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कोलकाता : भारतीय टी20 टीम के कप्तान और आक्रामक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने चैंपियंस ट्रॉफी टीम में जगह नहीं मिलने को स्वीकार करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा निराशा इस बात की है कि वह वनडे प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के लिए चुने गए खिलाड़ी टीम में शामिल होने के हकदार हैं। चयनकर्ताओं ने चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम के लिए सूर्यकुमार को नजरअंदाज किया है। वह हालांकि बुधवार से यहां जोस बटलर की अगुवाई वाली इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाली 5 मैचों की टी20 श्रृंखला में टीम का नेतृत्व करना जारी रखेंगे।


सूर्यकुमार को मैदान के चारों ओर शॉट सहजता से बड़े शॉट खेलने की क्षमता के कारण मौजूदा समय में टी20 प्रारूप के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। वह हालांकि टी20 प्रारूप की सफलता को वनडे में जारी रखने में विफल रहे है। एकदिवसीय में उन्होंने 37 मैचों में 25.76 के औसत से 773 रन बनाए है। इंग्लैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के शुरूआती मैच की पूर्व संध्या पर जब सूर्यकुमार से पूछा गया क्या चैम्पियंस ट्रॉफी टीम में जगह नहीं मिलने से वह मायूस हैं तो उन्होंने कहा कि कोई मायूस क्यों होगा? मैं अगर अच्छा (वनडे में) करूंगा तो टीम में जगह मिलेगी। मैंने अगर अच्छा नहीं किया तो ऐसा नहीं होगा। इसे स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अगर आप टीम (चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए चुनी गई) को देखे तो यह शानदार है। इस टीम में जो भी है वे अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी हैं। उन सब से इस प्रारूप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और मैं उनके लिए काफी खुश हूं।


सूर्यकुमार ने कहा कि मुझे यह मलाल है कि मैंने इस प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। अगर मैंने अच्छा किया होता तो मैं उस टीम में होता। जिस खिलाड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया है वह जगह का हकदार है। उन्होंने कहा कि जसप्रीत बुमराह और चोट से वापसी कर रहे मोहम्मद शमी अगर फिट रहे तो चैम्पियंस ट्रॉफी में किसी भी टीम के खिलाफ ‘खतरनाक संयोजन' साबित होंगे।

 

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह चोट के कारण पांचवें टेस्ट मैच की दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर सके थे। सूर्यकुमार ने कहा कि उन्होंने एक साथ काफी क्रिकेट खेला है। वे अनुभवी गेंदबाज हैं। जब भी आप भारत के लिए खेलते हैं तो यह एक अलग तरह की भावना होती है। इसमें जिम्मेदारी का भी एहसास होता है और आप देश के लिए खेलना पसंद करते है। दोनों को एक साथ गेंदबाजी करते देखना अच्छा होगा जैसा कि हमने एकदिवसीय विश्व कप में देखा था।