नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुुली ने भारतीय टीम के प्रमुख कोच गौतम गंभीर की रिकी पोंटिंग, मैथ्यू हेडन, स्टीव वॉ जैसे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़यिों से तुलना करते हुए कहा कि भारत के मुख्य कोच ऐसे ही हैं। इसके साथ ही गांगुली ने ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बॉडर्र-गावस्कर ट्रॉफी में सरफराज खान को मौका दिए जाने का भी पुरजोर समर्थन किया है।
रेवस्पोट्र्ज के साथ बातचीत में गांगुली ने कहा, ‘मैं बस इतना कहूंगा कि उन्हें वैसे ही रहने दो। मैंने संवाददाता सम्मेलन में उसकी कुछ आलोचना देखी है। वह ऐसे ही हैं, उन्हें उनके जैसे रहने दो। जब उन्होंने आईपीएल में जीत दर्ज की थी, तब भी वह ऐसे ही थे। तब आप उन पर खुश थे। आलोचना केवल इसलिए कि वह श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट और एकदिवसीय श्रृंखला हार चुके हैं, उनकी सीधी बात को आपने सही ढ़ंग से नहीं लिया, लेकिन वह ऐसे ही हैं।
उन्होंने कहा, ‘और क्यों नहीं वह ऐसे हों ऑस्ट्रेलियाई, जब से मैंने क्रिकेट देखा है, वे हमेशा से बात करने में कठोर रहे हैं। फिर चाहे वह स्टीव वॉ, पोंटिंग या मैथ्यू हेडन हों, वे इसी तरह से खेलते थे। इसलिए गंभीर ने जो कहा है उसमें कुछ भी गलत नहीं है। वह ऐसे ही हैं और वह लड़ना जानते हैं। वह प्रतिस्पर्धा करना जानते हैं, इसलिए हमें उन्हें मौका देना चाहिए। अभी दो या तीन महीने ही हुए हैं और आप उन पर फैसला सुना रहे हैं।'
ऑस्ट्रेलिया की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के लिए सरफराज की उपयुक्तता के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में गांगुली ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि आपको उसे जानने का मौका देना होगा। उसे मौका दिए बिना आप कैसे कुछ कह सकते हैं। पहले उसे विफल होने दें। उसने घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बनाते हुए टीम में अपनी जगह बनाई है। उसे किसी ने मौका नहीं दिया है। इसलिए उसे मौका दिए बिना उसे खारिज न करें। एक बार जब आप ऐसा कर लेंगे, तो आप निर्णय लेने की स्थिति में होंगे। उन्होंने कहा कि मैं बहुत स्पष्ट हूं, आपको उसे जानने का मौका देना चाहिए कि वह कितना अच्छा या बुरा है। ऐसा किए बिना, उसके बारे में निर्णय न दें।