नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने भारतीय क्रिकेट में चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव की जरूरत बताई है। उनका कहना है कि क्रिकेट लगातार बदल रहा है, इसलिए सेलेक्टर्स का माइंडसेट और सोच भी उसी रफ्तार से आगे बढ़नी चाहिए।
रहाणे ने कहा कि फिलहाल जो नियम लागू हैं, उनके तहत कोई भी खिलाड़ी जिसने कम से कम 10 प्रथम श्रेणी (फर्स्ट क्लास) मैच खेले हों और पांच साल पहले संन्यास लिया हो, वह राज्य चयनकर्ता बन सकता है। लेकिन रहाणे का मानना है कि चयनकर्ताओं में ऐसे पूर्व खिलाड़ी शामिल होने चाहिए जिन्होंने हाल ही में क्रिकेट छोड़ा हो, ताकि वे आधुनिक क्रिकेट की जरूरतों को बेहतर समझ सकें।
उन्होंने कहा, 'सेलेक्टर्स से खिलाड़ी डरें नहीं। हमें ऐसे चयनकर्ता चाहिए जो 5-8 साल पहले तक टॉप लेवल पर खेले हों। क्रिकेट जिस तरह बदल रहा है, यह जरूरी है कि सेलेक्टर्स की सोच और दृष्टिकोण भी उसी के अनुरूप हों। हम 20-30 साल पुराने खेल के तरीके पर फैसले नहीं ले सकते।'
रहाणे ने यह बातें अपने पूर्व साथी चेतेश्वर पुजारा के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में टी20 और आईपीएल जैसे प्रारूपों के चलते क्रिकेट की शैली पूरी तरह बदल चुकी है, और चयनकर्ताओं को इस बदलाव को समझते हुए खिलाड़ियों को खुलकर खेलने की आज़ादी देनी चाहिए।
गौर है कि अजिंक्य रहाणे ने अपने टेस्ट करियर में 85 मैचों में 5077 रन बनाए हैं, जिनमें 12 शतक और 26 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने कई मौकों पर भारत की कप्तानी भी की, जिनमें सबसे यादगार 2020-21 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रही, जब उनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर ऐतिहासिक श्रृंखला जीत दर्ज की थी।