खेल डैस्क : वंचितों और जरूरतमंदों की सेवा करने के आधे दशक पूरे होने पर सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन (एसटीएफ) की ओर से बीते दिनों मुंबई के बॉम्बे क्लब में एक सामूहिक समारोह आयोजित किया गया था। सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर जिन्होंने हाल ही में फाउंडेशन में निदेशक की भूमिका अपनाई है, के लिए यह शाम उनकी पहली आधिकारिक भागीदारी थी। अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए, सारा एक नया दृष्टिकोण लेकर आई हैं, जो युवाओं से जुड़ने और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में उनकी मदद करने पर केंद्रित है। बहरहाल, समारोह खत्म होने के कुछ दिन बाद सारा ने सोशल मीडिया पर समारोह की कुछ अनदेखी तस्वीरें शेयर की हैं। इसमें उनकी एक तस्वीर मां और पिता के साथ है। खास बात यह है कि इसमें सचिन तेंदुलकर अलग रंग में नजर आ रहे हैं। देखें समारोह की फोटोज-
फाउंडेशन में निदेशक बनी सारा तेंदुलकर उपस्थिति को संबोधित करती हुई।
फाऊंडेशन समारोह को सचिन तेंदुलकर की पत्नी अंजलि तेंदुलकर ने भी संबोधित किया और भविष्य की योजनाओं पर बात की।
समारोह में सारा तेंदुलकर का दिलकश अंदाज देखने को मिला।
समारोह में कई नामचीन हस्तियां भी पहुंचीं थीं। मशहूर गायक शंकर महादेवन भी विशेष तौर पर पहुंचे।
समारोह में सारा तेंदुलकर की दोस्त विशेश तौर पर पहुंची थीं जिसके साथ उन्होंने लाइट मोमेंट शेयर किए।
फाऊंडेशन समारोह के दौरान सारा तेंदुलकर का मस्ती भरा अंदाज भी देखने को मिला। उनके दोस्तों ने उनका बाखूबी साथ दिया।
सारा फाऊंडेश समारोह के दौरान इतनी खुशी थी कि अपनी एक दोस्त को मजाक में चूमती हुई भी नजर आई।
फाऊंडेशन समारोह के अंत में सचिन तेंदुलकर ने फाऊंडेशन से जुड़ी एनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ फोटोज भी शेयर की।
सचिन तेंदुलकर ने फाऊंडेशन शुरू करने के कार्य और भविष्य की योजनाओं पर भी खुली बात की।
समारोह में सारा तेंदुलकर ने पिता और माता के साथ मस्ती की एक फोटो भी इंस्टाग्राम पर शेयर की, जिसे क्रिकेट फैंस ने खूब पसंद किया।
बहरहाल, समारोह में कोल्डप्ले के मुख्य गायिक क्रिस मार्टिन विशेष तौर पर पहुंचे थे। उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ एकांत में बातचीत की। फाउंडेशन की यात्रा पर विचार करते हुए सचिन ने कहा कि जब मैं आखिरी बार पवेलियन की ओर लौटा, तो मेरे मन में यह भाव था कि मेरी पारी अभी खत्म नहीं हुई है। अंजलि और मेरा यह सपना था कि वंचितों के लिए कुछ आसान किया जाए और युवा सपने देखने वालों को खुद पर विश्वास करने और उड़ान भरने में मदद की जाए। हमने महसूस किया कि विचार का अंकुरण इसे लागू करने से कहीं ज्यादा आसान था। आखिरकार, एसटीएफ अस्तित्व में आया और अब हम अपना काम करते हुए आधा दशक पार कर चुके हैं। यात्रा पूरे जोश में है और सारा अब इसका नेतृत्व कर रही हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि एसटीएफ लाखों सपनों को हकीकत में बदलना जारी रखेगा और काम करने वालों को पंख देगा।