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स्पोर्ट्स डेस्क: 2007 में टी20 विश्व कप में अहम भूमिका निभाने वाले टीम इंडिया के पूर्व स्टार क्रिकेटर राॅबिन उथप्पा ने खुलासा करते हुए कहा कि अपने करियर में वह साल 2009 से 2011 के बीच डिप्रेशन और आत्महत्या के ख्यालों से जूझते रहे हैं। जिसके कारण वह अपनी बालकनी से छलांग लगाने की सोच रहे थे। बता दें, उथप्पा अब 34 साल के हैं और उन्होंने भारत की तरफ से आखिरी मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए भी जाना जाता है।  

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दरअसल, राजस्थान रॉयल्स के एक कार्यक्रम में उथप्पा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘मैं उन दिनों में इधर-उधर बैठकर यही सोचता रहता था कि मैं दौड़कर जाऊं और बालकनी से कूद जाऊं। लेकिन किसी चीज ने मुझे रोके रखा।’ उथप्पा ने कहा कि इस समय उन्होंने डायरी लिखना शुरू किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने एक इंसान के तौर पर खुद को समझने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद बाहरी मदद ली ताकि अपने जीवन में बदलाव ला सकूं।’ 

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उथप्पा ने आगे कहा, 'जब मैंने साल 2006 में अपना डेब्यू किया तो अपने बारे में इतना नहीं जानता था, तब काफी चीजों को सीख रहा था और सुधार करता जा रहा था। अब मैं अपने बारे में काफी ज्यादा जानकारी रखता हूं और अपने विचारों के साथ खुद को लेकर काफी पक्का हूं। अब खुदको संभालना मेरे लिए आसान है अगर कहीं फिसल जाता हूं।' 

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इसके बाद वह दौर था जब ऑस्ट्रेलिया में भारत-ए की कप्तानी के बावजूद वह भारतीय टीम में नहीं चुने गए। उन्होंने कहा, ‘पता नहीं क्यों, मैं कितनी भी मेहनत कर रहा था लेकिन रन नहीं बन रहे थे।मैं यह मानने को तैयार नहीं था कि मेरे साथ कोई समस्या है। हम कई बार स्वीकार नहीं करना चाहते कि कोई मानसिक परेशानी है।’ इसके बाद 2014-15 रणजी सत्र में उथप्पा ने सर्वाधिक रन बनाए।  उथप्पा ने भारत की तरफ से 46 वनडे और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।