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नई दिल्ली: टीम इंडिया के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को क्रिकेट जगत में 'सर' के नाम से जाना जाता है। क्रिकेट के करियर में इन्होंने कई रिकार्ड अपने नाम किए। मौजूदा वक्त में टीम के अहम सदस्य और स्टार खिलाड़ी रवींद्र जडेजा भले ही आज दुनिया के टॉप ऑलराउंडरों की लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी।

दिसंबर, 2012 में टैस्ट में किया  डेब्यू 
जडेजा ने दिसंबर, 2012 में इंगलैंड के खिलाफ नागपुर में टैस्ट में डेब्यू किया था। 2009 में उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला। यह मैच श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में खेला गया था। पहली बार उन्होंने 23 टैस्ट में अभी तक 95 विकेट चटकाए हैं। वनडे में उन्होंने 126 मैच में 1849 रन बनाए हैं।

विराट कोहली एक बार भी नहीं बना पाए ये रिकॉर्ड 
साल 2008 का वो वर्ल्ड कप जडेजा के करियर का टर्निंग पॉइंट बना जब उन्होंने विराट की अगुवाई में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया और उप-कप्तान के रूप में टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। घरेलू क्रिकेट में तीन तिहरे शतक लगाकर रवींद्र जडेजा ने टेस्‍ट टीम का दरवाजा भी खटखटा दिया। यह बल्लेबाजी का ऐसा रिकॉर्ड है जो टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली एक बार भी नहीं बना पाए हैं।

2005 में एक हादसे ने बदल दी थी जिंदगी
2005 में एक हादसे ने भगवान ने इनके जिंदगी में सबसे कीमती चीज को छीन लिया जिसके बाद इन्होंने क्रिकेट को छोड़ने का फैसला कर लिया था। वह कीमती चीज उनकी मां थी। एक हादसे के दौरान इनकी मां की मौत हो गई थी जिसके बाद क्रिकेट को छेड़ना चाहते थे लेकिन परिवार के समझने पर इन्होने अपने क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाया। 

घुड़सवारी के शौकीन है जडेजा
सर जडेजा क्रिकेट से पहले घुड़ सवारी करने के शौकीन थे। इन्होंने कभी बल्ले को हाथ तक नहीं लगाया था। जडेजा का मानना है कि ऐसा करके उनके अंदर आत्मविश्वास आया।