नई दिल्ली : भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस और अनुभवी ऑफ स्पिनर नाथन लियोन बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए गेंद से अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यही नहीं, उन्होंने स्टीव स्मिथ से भी सावधान रहने की बात कही जोकि चुनौती देने के लिए तैयार होंगे। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस 2014/15 श्रृंखला के बाद से ऑस्ट्रेलिया को पहला बीजीटी खिताब दिलाने के लिए उत्सुक होंगे। भारत के पास कुछ नए चेहरे हैं जोकि भारतीय टीम के पतन का कारण या ऑस्ट्रेलिया में भारत की हैट्रिक का कारण बन सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के घातक तेज आक्रमण पर विचार करते हुए शास्त्री ने कहा कि कमिंस, मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड अच्छे रहेंगे। पिछली दो बीजीटी श्रृंखला के सभी 8 टेस्ट में भाग लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने इस दौरान 23.14 की औसत से 35 विकेट के लिए हैं। वहीं, नाथन लियोन भी घरेलू मैदान पर भारत के खिलाफ 15 मैचों में 60 विकेट लेकर लाइमलाइट में हैं। शास्त्री ने कहा कि पैट कमिंस आपके ऊपर होंगे। वह अथक हैं। मेरा मतलब है, नाथन लियोन से अपनी नजरें न हटाएं क्योंकि उनका भारत के खिलाफ घर और बाहर दोनों जगह शानदार रिकॉर्ड है। इसलिए वह पैट कमिंस के अलावा किसी और पर नजर रखने वाले होंगे।
ऑस्ट्रेलिया के पास ट्रैविस हेड, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, एलेक्स कैरी और स्मिथ जैसे खिलाड़ी एक मजबूत बल्लेबाजी इकाई बनाते हैं। स्मिथ फिलहाल खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। जुलाई 2023 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 35 वर्षीय खिलाड़ी द्वारा शतक लगाने के बाद यह बल्लेबाज 10 मैचों में 33.64 की औसत से ही रन बना पाया है। लेकिन शास्त्री ने कहा कि स्टीव स्मिथ अपने अनुभव के कारण, अपने पिछले रिकॉर्ड के कारण अपने करियर के उस पड़ाव पर हैं जहां उन्हें चुनौती की जरूरत है। उन्हें एक चुनौती की जरूरत है और मुझे लगता है कि वह इसके लिए तैयार होंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह भारत के खिलाफ उनकी अंतिम श्रृंखला हो सकती है।
स्मिथ अब धीमी पारियां नहीं खेल रहे। पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की हालिया एकदिवसीय श्रृंखला में उन्होंने 44 और 35 रन की तेज पारियां खेली थीं। शास्त्री को लगता है कि स्मिथ भारत को परेशान करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि श्रृंखला की पहली 3 पारियों में अगर वह 100 रन बना लेता है, तो वे आपको परेशान करते रहेंगे। मुझे लगता है कि भारत को कड़ी मेहनत करनी होगी।