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स्पोर्ट्स डेस्क : पृथ्वी शॉ एक ऐसा नाम जिसे कभी भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकदार युवा सितारों में गिना जाता था और अब अपने करियर को फिर से जीवित करने के निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। बीते कुछ वर्षों में खराब फॉर्म, फिटनेस चुनौतियों और ऑफ-फील्ड विवादों ने उनकी प्रगति को गहरी चोट पहुंचाई। लेकिन 2025-26 घरेलू सीजन से पहले महाराष्ट्र में शिफ्ट होकर शॉ ने अपने लिए नई शुरुआत का रास्ता चुना है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी उनके लिए वह मंच बन सकती है, जहां वे दोबारा साबित कर सकते हैं कि उनका टैलेंट अब भी उतना ही खतरनाक है। 

पृथ्वी शॉ की नई शुरुआत : बदलाव जिसने सबका ध्यान खींचा 

मुंबई क्रिकेट के पोस्टर बॉय रहे पृथ्वी शॉ ने पहली बार अपने घरेलू करियर की दिशा बदलते हुए महाराष्ट्र को चुना। यह कदम न केवल उनकी संघर्षपूर्ण यात्रा का संकेत देता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे एक स्वच्छ शुरुआत और बेहतर अवसर की तलाश में हैं। वर्षों की अस्थिरता और टीम चयन में लगातार गिरावट के बाद यह बदलाव उनके करियर का अहम मोड़ माना जा रहा है। 

SMAT: करियर को पटरी पर लाने का सुनहरा मौका

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT), जो T20 फॉर्मेट में भारत के सबसे बड़े घरेलू टूर्नामेंटों में से एक है, शॉ के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। कल से शुरू होने वाला यह टूर्नामेंट उनके लिए सिर्फ रन बनाने का अवसर नहीं, बल्कि यह दिखाने का मंच है कि वे वापसी के लिए पूरी तरह तैयार हैं। IPL 2025 के मिनी ऑक्शन को देखते हुए हर पारी, हर रन और हर स्ट्राइक-रेट उनकी बोली पर सीधा प्रभाव डालेगा।

IPL ऑक्शन में झटका और अब उम्मीद की नई किरण 

पिछले साल के IPL ऑक्शन में किसी भी टीम ने पृथ्वी शॉ पर बोली नहीं लगाई। यह उनके लिए सिर्फ एक पेशेवर झटका नहीं, बल्कि एक संकेत था कि उनके मार्केट वैल्यू में बड़ी गिरावट आ चुकी है। अब उनकी नज़र SMAT में दमदार प्रदर्शन पर है। अगर वे अपनी पुरानी आक्रामक बैटिंग शैली और कंसिस्टेंसी वापस लेकर आते हैं, तो IPL टीमों का ध्यान उनकी ओर लौट सकता है, खासकर वे फ्रेंचाइजी जो भारतीय ओपनर की तलाश में हैं और विदेशी स्लॉट बचाना चाहती हैं।

लीडरशिप की जिम्मेदारी 

इस बार पृथ्वी शॉ को सिर्फ बल्लेबाज नहीं, बल्कि कप्तान की भूमिका भी निभानी है। रुतुराज गायकवाड़ राष्ट्रीय टीम के लिए चयनित होने के कारण महाराष्ट्र की कप्तानी ग्रुप स्टेज तक शॉ को सौंपी गई है। यह भूमिका उनके व्यक्तित्व, मैच्योरिटी और गेम अवेयरनेस को उजागर करने का शानदार मौका है, वे गुण जिन्हें IPL टीमें बहुत महत्व देती हैं।

दिल्ली कैपिटल्स से शुरुआत और विस्फोटक IPL रिकॉर्ड

शॉ ने IPL में अपने सातों सीजन दिल्ली कैपिटल्स के साथ खेले, जहां उन्होंने 1,892 रन बनाए और 147 की स्ट्राइक-रेट से गेंदबाजों पर हावी रहे। पावरप्ले में तेज शुरुआत दिलाने की उनकी क्षमता आज भी कई टीमों के लिए अमूल्य है। अगर वे पुराना फ्लो वापस पाते हैं, तो IPL 2026 से पहले उनका क्रिकेट करियर दोबारा नई उड़ान पकड़ सकता है।

खुद को फिर से साबित करने के लिए तैयार 

18 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू और पहली ही पारी में सेंचुरी, पृथ्वी शॉ की प्रतिभा पर कभी किसी ने सवाल नहीं उठाया। आज उन्हें सिर्फ मंच और सही मानसिकता की जरूरत है। SMAT वही प्लेटफॉर्म है जो उन्हें दोबारा भारतीय क्रिकेट के बड़े मंच तक पहुंचा सकता है।