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स्पोर्ट्स डेस्क : आईपीएल ऑक्शन 2025 में अगर किसी एक नाम ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं, तो वह प्रशांत वीर रहे। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से निकलकर इस 20 वर्षीय बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर ने इतिहास रच दिया। महज 30 लाख रुपये की बेस प्राइस वाले प्रशांत को चेन्नई सुपर किंग्स ने 14.20 करोड़ रुपए में खरीदा और वह आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ियों में शामिल हो गए। इस बड़ी उपलब्धि के पीछे संघर्ष, अनुशासन और अथक मेहनत की एक प्रेरणादायक कहानी छिपी है।

अमेठी से आईपीएल तक 

प्रशांत वीर की नीलामी के बाद उनके गांव गुजीपुर (थाना संग्रामपुर) से लेकर पूरे अमेठी जिले में उत्सव का माहौल है। घर पर बधाई देने वालों की लंबी कतार है और हर कोई इस उपलब्धि को अपनी जीत मान रहा है। जिन दोस्तों के साथ उन्होंने मैदान पर पसीना बहाया, वे आज भावुक होकर उनके संघर्ष के किस्से साझा कर रहे हैं।

दोस्तों की जुबानी: आत्मविश्वास और आक्रामकता की पहचान

भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में प्रशांत के साथ खेलने वाले साथी पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि उनमें शुरू से ही अलग बात थी। उनके करीबी दोस्त सचिन के अनुसार, वे दोनों अक्सर ओपनिंग किया करते थे। सचिन कहते हैं कि प्रशांत का खेल आक्रामक था, लेकिन उससे भी ज्यादा मजबूत था उसका आत्मविश्वास। “हमें गर्व है कि हमारे बीच का खिलाड़ी आज आईपीएल में देश का नाम रोशन कर रहा है।

रोजाना 14 किलोमीटर साइकिल से अभ्यास

टीम के कप्तान अकबर ने प्रशांत की मेहनत का सबसे बड़ा उदाहरण साझा किया। उनके मुताबिक, प्रशांत हर दिन 12 से 14 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्टेडियम पहुंचता था। चाहे गर्मी हो, सर्दी हो या बारिश उसकी दिनचर्या कभी नहीं बदली। अभ्यास के प्रति यह समर्पण ही उसकी असली ताकत बना। साथी खिलाड़ियों का कहना है कि जब बाकी लोग थक जाते थे, तब भी प्रशांत अतिरिक्त नेट सेशन करता नजर आता था।

कोच और अनुशासन की अहम भूमिका

प्रशांत ने भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में 2017–18 बैच के दौरान क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। उस दौर में खेल अधिकारी रहे शमीम अहमद बताते हैं कि प्रशांत बेहद अनुशासित और फोकस्ड खिलाड़ी था। कोच गालिब सर के मार्गदर्शन में उसने अपनी स्पिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों को निखारा। शमीम अहमद के मुताबिक, “उसकी सफलता के पीछे कड़ी मेहनत के साथ-साथ सही दिशा में मिली कोचिंग भी उतनी ही जरूरी रही।”