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नई दिल्ली : दिवंगत फुटबॉल खिलाड़ी पेले को लेकर एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया कि उनके परिवार की सहमति से उनके पैर को एक संग्रहालय में रखा जाएगा लेकिन ‘पीटीआई’ के फैक्ट चेक में इस दावे को गलत पाया गया और वैश्विक फुटबॉल का संचालन करने वाली संस्था फीफा ने भी इसे भ्रामक करार दिया।

दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाडिय़ों में शामिल पेले का निधन बीते 29 दिसंबर को हो गया था। पेले के पैर को संग्रहालय में रखने संबंधी फेसबुक पोस्ट को तीन जनवरी को लिखा गया था। दुनिया भर में लोकप्रियता के कारण यह पोस्ट वायरल हो गया और फिर सोशल मीडिया पर इस तरह के कई और पोस्ट साझा किए गए।

 

‘पीटीआई’ ने इस पोस्ट के फैक्ट चेक की शुरुआत गुगल सर्च पर ‘पेले के पैर को संग्रहालय’ में रखा जाएगा से की। इससे जुड़ी कोई भी खबर नहीं मिली। इसके बाद फीफा की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल पर इस तरह की किसी घोषणा को ढूंढने की कोशिश हुई लेकिन इससे संबंधित कुछ नहीं मिला। इसने सोशल मीडिया पोस्ट में साझा की गई तस्वीर में टीएनटी स्पोट्र्स का हवाला दिया गया था लेकिन टीएनटी की वेबसाइट और ट्विटर हैंडल खंगालने पर वहां भी इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।

 

इसके बाद ‘गुगल’ पर पेले के निधन से जुड़े शब्दों को लेकर खोज की गई। इसमें भी पेले के पैर को संग्रहालय में रखने संबंधी कोई खबर नहीं मिली। फुटबॉल के इस ‘बादशाह’ की अंत्येष्टि तीन जनवरी को सांतोस में की गई थी इस जांच को आगे बढ़ते हुए ‘पीटीआई’ की फैक्ट चेट टीम ने फीफा को ई-मेल किया।

फीफा के एक प्रवक्ता ने अपने ईमेल के कहा कि हम इस दावे का पूरी तरह से खंडन करते हैं। इसका निष्कर्ष यह निकला कि सोशल मीडिया पर पेले और फीफा के बारे में साझा किया गया दावा झूठा था। पाठक अगर सोशल मीडिया पर साझा किसी पोस्ट की सत्यता जानने के लिए ‘फैक्ट चेक’ चाहते हैं तो संबंधित दावा साझा करने के लिए व्हाट्सअप नंबर +91-8130503759 के माध्यम से ‘पीटीआई फैक्ट चेक’ से संपर्क कर सकते हैं।