नई दिल्ली : भारत के बल्लेबाज नीतीश राणा (Nitish Rana) सीधे हो गए हैं। उनसे अपने कोच गौतम गंभीर की आलोचना बर्दाश्त नहीं हो रही है। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्राफी गंवाई है। ऐसे में क्रिकेट फैंस कोच गंभीर की खूब आलोचना करने में व्यस्त हैं। लेकिन राणा को यह आलोचना अच्छी नहीं लग रही है। गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड से तीन टेस्ट गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया से भी तीन टेस्ट गंवा दिए। यानी कुल 8 टेस्ट में मात्र 1 ही जीत टीम इंडिया को नसीब हुई। इसी कारण पूव्र क्रिकेटर मनोज तिवारी ने भी कोच गंभीर के तरीकों की आलोचना की थी। अब अपने कोच के बचाव के लिए नीतीश ने सोशल मीडिया का रुख किया है।
नीतीश ने एक्स पर लिखा- आलोचना तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, व्यक्तिगत असुरक्षाओं पर नहीं। गौती भैया उन सबसे निस्वार्थ खिलाड़ियों में से एक हैं जिनसे मैं कभी मिला हूं। संकट के समय में वह किसी अन्य की तरह जिम्मेदारी निभाता है। प्रदर्शन को किसी पीआर की आवश्यकता नहीं है। ट्रॉफियां अपने बारे में बोलती हैं।
गंभीर का कार्यकाल भारत के श्रीलंका दौरे से शुरू हुआ था। भारत टी20ई प्रारूप जीत गया लेकिन वनडे श्रृंखला की कहानी अलग थी। पहला वनडे रोमांचक ड्रा पर समाप्त होने के बाद भारत अगले दो गेम हार गया और 27 वर्षों के अंतराल में श्रीलंका के खिलाफ इस प्रारूप में उसकी पहली द्विपक्षीय श्रृंखला हार गया। वनडे सीरीज के बाद बांग्लादेश का भारत दौरा हुआ, जिसमें दो टेस्ट और तीन टी20 मैच शामिल थे। भारत ने दोनों सीरीज जीती।
इस बीच विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल की राह दिखी। लेकिन भारत न्यूजीलैंड से तीन टेस्ट मैचों की सीरीज हार गया। भारत कागज पर पसंदीदा था लेकिन न्यूजीलैंड उनपर भारी पड़ा। टेस्ट प्रारूप में घरेलू मैदान पर पहली बार भारत को व्हाइटवॉश का सामना करना पड़ा। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में नमोशी सहनी पड़ी। जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में भारत ने पहले टेस्ट में 295 रन से जीत हासिल की। इसके बाद रोहित की बतौर कप्तान एंट्री हुई और टीम सीरीज हार गई। भारत पूरी श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया का पीछा करता रहा और 3-1 से श्रृंखला हार के साथ समाप्त हुआ, जो एक दशक में पहली बार हुई।