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अहमदाबाद : पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में ‘रिटायर्ड आउट’ रणनीति के बढ़ते इस्तेमाल पर अपनी ताजा टिप्पणियों से क्रिकेट जगत में बहस छेड़ दी है। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटन्स बनाम राजस्थान रॉयल्स के मुकाबले से पहले बोलते हुए कैफ ने इस रणनीति पर संदेह व्यक्त किया, इसे विश्वसनीय गेम-चेंजर के बजाय निराशा से पैदा हुआ कदम बताया।


कैफ ने तर्क दिया कि टीमें तेजी से ‘रिटायर्ड आउट’ विकल्प चुन रही हैं - जहां एक बल्लेबाज उच्च दबाव वाले मुकाबले में स्वेच्छा से क्रीज छोड़ देता है ताकि नए बल्लेबाज को स्ट्राइक लेने का मौका मिल सके। उनका मानना है कि यह रणनीति शायद ही कभी वांछित परिणाम देती है। कैफ ने कहा कि टीमें निराशा के कारण रिटायर्ड आउट विकल्प का अधिक उपयोग कर रही हैं। यह एक ऐसी रणनीति है जो शायद ही कभी काम करती है क्योंकि बहुत कम बल्लेबाज़ हैं जो पहली गेंद पर छक्का लगा सकते हैं। ज्यादातर बार, क्रीज पर संघर्ष कर रहे बल्लेबाज़ के पास गेम जीतने का बेहतर मौका होता है।


अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए, कैफ ने राहुल तेवतिया का प्रतिष्ठित उदाहरण दिया, जिन्होंने आईपीएल 2022 में गुजरात टाइटन्स के लिए मैच का रुख बदल दिया। उन्होंने कहा कि तेवतिया याद है? उन्होंने 19 गेंदों पर सिर्फ 8 रन बनाने के बाद 5 गेंदों पर 5 छक्के लगाए थे। कभी-कभी, क्रीज पर मौजूद बल्लेबाज, भले ही संघर्ष कर रहा हो, खेल की स्थिति को बेहतर ढंग से समझता है और चमत्कार कर सकता है।


पंजाब किंग्स के खिलाफ तेवतिया ने अपनी टीम को यादगार जीत दिलाई थी जोकि आईपीएल के सबसे प्रसिद्ध फिनिश में से एक है। कैफ की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब टी20 क्रिकेट में 'रिटायर्ड आउट' बढ़ रहे हैं। साल 2022 में रविचंद्रन अश्विन ने राजस्थान रॉयल्स के मैच के दौरान रिटायर आउट होकर रियान पराग के लिए लक्ष्य का पीछा करने का रास्ता साफ किया। हालांकि, कैफ का मानना है कि इस तरह के कदम एक जुआ है जो अक्सर उल्टा पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि आप किसी ऐसे व्यक्ति पर भरोसा कर रहे हैं जो बिना किसी परेशानी के मैदान में उतरेगा और तुरंत अच्छा प्रदर्शन करेगा। यह उस प्रारूप में एक बड़ी चुनौती है जहां गति ही सबकुछ है।