खेल डैस्क : इसी सप्ताह के सोमवार को जब चेन्नई सुपर किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स में मैच खेला जा रहा थ तब आयूष बदोनी की धोनी के हाथों हुई स्टंपिंग चर्चा का विषय रही। धोनी ने तेजी से हाथ चलाए और आयूष की विकेट उड़ा दी थी। लेकिन विकेट गिरने के बाद लखनऊ के बल्लेबाजों ने धोनी का ग्लव्स डिलिवरी से पहले ही विकेट से आगे होने का आरोप लगाया था। रिप्ले देखा गया। धोनी बमुश्किल बच गए। आयूष स्टंप आऊट हो गए। लेकिन वीरवार को कुछ ऐसे ही मामले में हेनरिक क्लासेन फंस गए। सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से विकेटकीपिंग कर रहे क्लासेन बिना कैच पकड़े या बिना स्टंप किए भी बड़ा ब्लंडर कर गए।
दरअसल हुआ यूं कि रयान रिकेल्टन को 7वें ओवर की पांचवीं गेंद जीशान अंसारी ने पैट कमिंस के हाथों कैच आऊट कराया था। विकेट लेने के बाद हैदराबाद के क्रिकेटर जश्न मना रहे थे। वहीं, रियान रिकेल्टन भी बाउंड्री रोप पार कर चुके थे। इसी बीच चौथे अंपायर ने संभावित नो-बॉल चेक पर उन्हें प्रतीक्षा करने का संदेश भिजवा दिया। पहले तो फैंस इस देरी को समझ ही नहीं पाए। लोग बार बार पैर की नो बॉल की ओर देखते नजर आ रहे थे। लेकिन वह सही थी। बाद में साफ हुआ कि हेनरिक क्लासेन के ग्लव्स विकेट के आगे आ गए थे। जिस कारण नियमों के चलते इस डिलिवरी को नो बॉल करार दे दिया गया।

जीशान की गेंद पर पैट कमिंस के हाथों रिकेल्टन लपके गए। हैदराबाद के क्रिकेटरों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।

टीवी रिप्ले में दिखा कि हेनरिक के ग्लव्स विकेटों के आगे आ चुके थे। नियम के मुताबिक जब नो बॉल हुई तो हैदराबाद के प्रशंसक बेहद निराश हो गए।

रिकेल्टन जब क्रीज पर वापस आ गए और अगली गेंद फ्री हिट हो गई तो हेनरिक क्लासेन शर्मसार हो गए।
आम तौर पर क्रिकेट जगत में हमने विकेटकीपर की ओर से ऐसी गलतियां करते हुए कई बार देखी हैं। महेंद्र सिंह धोनी भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। लेकिन पहली बार किसी और फील्डर द्वारा क्लीन कैच लेने के बाद भी बल्लेबाजों को आऊट नहीं दिया गया। इस दौरान सोशल मीडिया पर एक बड़ा विवाद भी खड़ा हो गया। प्रशंसकों ने तर्क दिया कि रिकेल्टन ने सीमा रेखा पार कर ली थी और उन्हें फिर से बल्लेबाजी करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी।