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बुडापेस्ट ,हंगरी ( निकलेश जैन ) कोविड 19 के समय शतरंज के खेल से भारत को सबसे ज्यादा उपलब्धि हासिल हुई है और इसी क्रम मे एक और उपलब्धि भारत को हासिल हुई । 14 वर्षीय भारतीय शतरंज खिलाड़ी लियॉन मेन्दोंसा मार्च माह मे जब हंगरी मे शतरंज टूर्नामेंट खेल रहे थे तभी कोविड के चलते लॉकडाउन लग गया और वह अपने पिता के साथ वही रहने को मजबूर हो गए पर उन्होने इसी बात का फायदा उठाकर खेल की ट्रेनिंग जारी रखी और जैसे ही हंगरी मे स्थिति सामान्य होने पर शतरंज टूर्नामेंट शुरू हुए उन्होने अपना हुनर दिखाना शुरू कर लिया ।

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उन्होने बुडापेस्ट इंटरनेशनल ग्रांड मास्टर टूर्नामेंट को जीतकर सभी को चौंका दिया है । अपनी रेटिंग को 2500 अंको के पार ले जाने के साथ टूर्नामेंट मे 9 मैच मे से अपराजित रहते हुए 5 जीत और चार ड्रॉ से कुल 7 अंक बनाए और 2611 का प्रदर्शन करते हुए अपना पहला ग्रांड मास्टर नार्म हासिल कर लिया है । अब लियॉन को सिर्फ दो और  नार्म की जरूरत है और उसके बाद वह भारत के अगले ग्रांड मास्टर बन जाएँगे ।

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प्रतियोगिता मे हंगरी के ग्रांड मास्टर एडम कोज़ाक  6.5 अंक बनाकर दूसरे तो अलेक्स क्र्स्टुलोविक  6 अंक बनाकर तीसरे स्थान पर रहे ।