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सिडनी : भारत के पूर्व क्रिकेटरों सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री का मानना है कि बॉक्सिंग डे टेस्ट शायद रोहित शर्मा का आखिरी टेस्ट था जिन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें और आखिरी टेस्ट से खुद को बाहर रखा है। 37 वर्ष के रोहित ने पांचवें टेस्ट में खुद को आराम देने का फैसला किया है। रोहित तीन टेस्ट की पांच पारियों में 31 रन ही बना सके। 

गावस्कर ने पहले दिन के खेल के दौरान लंच ब्रेक में कहा, ‘इसके मायने हैं कि अगर भारत विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं करता है तो मेलबर्न टेस्ट रोहित का आखिरी टेस्ट होगा। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के साथ शुरू होगा और चयनकर्ता ऐसे खिलाड़ी को चाहेंगे जो 2027 फाइनल खेल सके। भारत वहां पहुंचता है या नहीं, यह बाद की बात है लेकिन चयन समिति की यही सोच होगी। हमने शायद रोहित शर्मा को आखिरी बार टेस्ट खेलते देख लिया।' 

वहीं शास्त्री के भी यही विचार थे। उन्होंने कहा, ‘टॉस के समय मेरे पूछने से पहले ही जसप्रीत बुमराह ने यह बात कही कि कप्तान ने बाहर रहने का फैसला किया है और कहा कि शुभमन गिल के खेलने से टीम मजबूत होगी। यह होता है जब आपके रन नहीं बन रहे हो और मानसिक रूप से आप वहां नहीं हों। यह कप्तान का काफी साहसी फैसला है कि वह इस मैच में बाहर रहने को तैयार हुए।' 

भारत श्रृंखला में 1-2 से पीछे है और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने पास रखने के लिए उसे सिडनी टेस्ट हर हालत में जीतना है। अगर यहां टीम हारती है तो डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की सारी उम्मीदें खत्म हो जाएंगी। भारत को अगली टेस्ट श्रृंखला जून में खेलनी है। 

शास्त्री ने कहा, ‘अगर घरेलू सत्र चालू होता तो वह आगे खेलने की सोच भी सकता था लेकिन मुझे लगता है कि वह इस टेस्ट के बाद घोषणा कर देगा।' उन्होंने कहा, ‘वह युवा नहीं है और ऐसा नहीं है कि भारत के पास युवाओं की कमी है। बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी टीम में आने की दहलीज पर हैं। कठिन फैसला है लेकिन सभी को एक दिन यह फैसला लेना है।' 

पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने रोहित के फैसले की तारीफ करते हुए कहा, ‘एकदम रोहित शर्मा वाला फैसला। सही समय पर टीम के लिए सही फैसला लेना। लेकिन इस मसले को लेकर इतना रहस्य समझ में नहीं आया। टॉस के समय भी इस पर बात नहीं की गई।'