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मुंबई : भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री को लगता है कि पंजाब किंग्स को मयंक अग्रवाल से सर्वश्रेष्ठ निकलवाने के लिए उनको कप्तानी के भार से मुक्त कर देना चाहिए, ठीक उसी तरह जैसे चेन्नई सुपर किंग्स ने रवींद्र जडेजा के साथ किया। 

शास्त्री ने कहा कि कप्तानी के दबाव ने अग्रवाल की बल्लेबाजी को प्रभावित किया और इसका भुगतान उन्हें आईपीएल के लीग चरणों के आखिरी दिन घोषित भारत की टीम में जगह नहीं मिलने से करना पड़ा, क्योंकि चयनकर्ताओं ने उन्हें मौजूदा फ़ॉर्म से आंका, जहां उन्होंने पंजाब के लिए 122.5 के स्ट्राइक रेट और 16.33 के औसत से मात्र 196 रन बनाए और पंजाब ने लीग में छह जीत और छह हार के साथ छठा स्थान प्राप्त किया। 

एक शो में शास्त्री ने कहा, 'मयंक अग्रवाल की स्थिति बिल्कुल रवींद्र जडेजा वाली है। इन लड़कों ने कभी कप्तानी नहीं की और आप उनसे फ्रैंचाइजी की कप्तानी करने के लिए कहते हो। यह मयंक का अपमान नहीं है, क्योंकि मुझे वह लड़का पसंद है। मैं जानता हूं कि वह कैसे अपना क्रिकेट खेलता है, लेकिन यह सब चीज़ उस अच्छे लड़के को गलत जगह पर डाल रही हैं। इससे दिक्कत हो सकती हैं। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इससे वह भारतीय टीम में अपना स्थान खो सकते हैं। टेस्ट टीम, सबकुछ क्योंकि चयनकर्ता मौजूदा फ़ॉर्म पर उन्हें आंकेंगे।' 

उन्होंने आगे कहा, 'ऐसे में यह पीड़ा देता है क्योंकि मैं जानता हूं कि वह कितना अच्छा खिलाड़ी है लेकिन आम बात है कि कप्तानी का दबाव किसी के भी दिगाम़ में घर कर सकता है। आपने जडेजा को देखा कि कैसे वह एक अलग़ ही क्रिकेटर बन गए। मयंक के साथ भी ऐसा ही हुआ। हम जानते हैं कि वह कितने अच्छे खिलाड़ी हैं। भविष्य में फ़्रैंचाइज़ी को साफ़ मैसेज जाएगा कि कैसे कप्तान चुनते वक़्त सावधानी बरतें।' 

शास्त्री ने कहा, 'यह पंजाब का सिरदर्द है, होना भी चाहिए। मेरा मतलब है कि मयंक का सर्वश्रेष्ठ निकलवाना। वह शानदार खिलाड़ी है, लेकिन अगर आप इस तरह का दबाव उन पर डाल देंगे तो आप देख सकते हैं। मैं डिटेल में नहीं जाना चाहता लेकिन आप देख सकते हैं कि क्या उन्हें प्रभावित कर रहा है।' अग्रवाल ने खराब फॉर्म के चलते खुद को मध्य क्रम में उतारा और ओपनिंग पर जॉनी बेयरस्टो को खुलकर अपने शॉट खेलने का मौक़ा मिला, लेकिन मध्य क्रम तब भी संघर्ष करता दिखा क्योंकि मयंक अच्छी फॉर्म में नहीं थे।