सूरजकुंड : पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर के घर पर एक बार फिर बधाइयों का तांता लगा हुआ र्ह जिन्होंने पेरिस ओलंपिक में दूसरा कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। मनु स्वतंत्र भारत में एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई जिन्होंने दस मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में सरबजोत सिंह के साथ कांस्य पदक जीता।
मनु के पिता राम किशन ने कहा कि पेरिस में अपनी बेटी के प्रदर्शन को बयां करने के लिए उनके पास शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि कोच जसपाल राणा से जुड़ने के बाद उसका आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं है। यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है।' उन्होंने कहा, ‘जसपाल अपने समय में बड़ा निशानेबाज रहा है और उनका आपसी तालमेल बहुत अच्छा है। जब वह दोबारा उसके साथ जुड़ा तो उसका आत्मविश्वास बढ गया।'
उन्होंने कहा, ‘मनु के प्रयासों और जसपाल के आशीर्वाद से उसे कामयाबी मिली।' मनु की मां सुमेधा ने कहा कि बेटी के दूसरे पदक के बारे में सुनकर खुशी के मारे उन्हें हार्ट अटैक हो सकता था। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रार्थना कर रही थी कि आज जलते अंगारों पर भी चलना पड़े तो मैं चलूंगी, बस मेरी बेटी कामयाब हो जाए। मैने मुकाबला नहीं देखा क्योंकि मैं प्रार्थना कर रही थी। पड़ोसियों ने आकर बताया कि मनु ने एक और पदक जीत लिया है। मैं इतनी खुश थी कि खुशी के मारे हार्ट अटैक हो सकता था।'