स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल लगातार शानदार फॉर्म में हैं। सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान के खिलाफ मुंबई की ओर से खेलते हुए जायसवाल ने अपने फर्स्ट-क्लास करियर का 17वां शतक ठोका। यह पारी न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को और मजबूत करती है, बल्कि आगामी साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज़ से पहले एक शानदार अभ्यास साबित हुई है। केवल 23 साल की उम्र में जायसवाल रण्जी में 1000 रन पूर करते हुए रेड-बॉल क्रिकेट के भरोसेमंद स्तंभ बन चुके हैं। उन्होंने 10 मैचों में 57 से ज्यादा की औसत से ये कमाल किया है। 
शानदार लय में यशस्वी जायसवाल
राजस्थान के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में यशस्वी जायसवाल ने एक बार फिर अपने क्लास और संयम का परिचय दिया। उन्होंने केवल 80 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए शानदार शतक पूरा किया, जिसमें कई आकर्षक बाउंड्री शामिल थीं। जायसवाल ने आखिरी दिन के पहले सत्र में तीन अंकों की संख्या छुई, जब मुंबई राजस्थान से 350 रनों से अधिक पीछे थी। उनकी इस पारी ने मैच को रोचक बनाए रखा, भले ही परिणाम राजस्थान के पक्ष में झुकता दिख रहा था। 
पहली पारी में भी शीर्ष स्कोरर
मुंबई की पहली पारी में जब बाकी बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे, तब जायसवाल ही एकमात्र बल्लेबाज थे जिन्होंने 50 रन का आंकड़ा पार किया। उन्होंने 67 रन की सधी हुई पारी खेली और टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। राजस्थान ने मुंबई को 254 रन पर समेटने के बाद जवाब में 617/6 पर अपनी पारी घोषित की। दीपक हुड्डा के शानदार 248 रनों ने राजस्थान को मैच में भारी बढ़त दिलाई।
रेड-बॉल मैचों में लगातार तीसरा शतक 
यशस्वी जायसवाल का यह प्रदर्शन किसी संयोग का परिणाम नहीं है। यह उनके पिछले पांच रेड-बॉल मैचों में तीसरा शतक है। इससे पहले उन्होंने दिल्ली में घरेलू क्रिकेट और इंग्लैंड के ओवल मैदान पर शतक जमाकर अपनी फॉर्म का लोहा मनवाया था। रेड-बॉल क्रिकेट में उनका औसत अब 57 से ऊपर पहुंच गया है और उनके नाम 4,500 से अधिक रन दर्ज हैं। इतने कम उम्र में इस स्तर की निरंतरता उन्हें भारत की टेस्ट टीम का स्थायी हिस्सा बनाने की ओर ले जा रही है।
टीम के लिए संघर्ष और व्यक्तिगत चमक
भले ही मुंबई का प्रदर्शन इस मैच में फीका रहा हो, लेकिन जायसवाल ने एक बार फिर साबित किया कि वह मुश्किल हालात में भी टिककर खेल सकते हैं। जब बाकी बल्लेबाज लगातार विकेट खो रहे थे, तब उन्होंने धैर्य और तकनीक के साथ रन बनाए। अजिंक्य रहाणे (18) और मुशीर खान (63) के आउट होने के बाद भी जायसवाल 103* रन पर डटे रहे। सरफराज खान को अभी बल्लेबाजी करनी बाकी है, लेकिन जायसवाल की पारी ने टीम को सम्मानजनक स्थिति तक पहुंचाया।
साउथ अफ्रीका सीरीज के लिए शुभ संकेत
साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले जायसवाल की यह फॉर्म भारतीय टीम प्रबंधन के लिए एक बड़ा सकारात्मक संकेत है। विदेशों में लाल गेंद से उनका आत्मविश्वास और रन बनाने की क्षमता भारत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। वह पहले ही इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज में शतक लगा चुके हैं, और अब घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन उनकी परिपक्वता को दिखाता है।