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न्यू चंडीगढ़:  इसमें कोई शक नहीं कि असली परीक्षा यहीं से शुरू होगी। पहले वनडे में आठ विकेट से शानदार जीत के बाद, ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम (Australia) एक और सीरीज जीत के दरवाजे पर दस्तक दे रही है। भारत (India) के खिलाफ पिछले दस मुकाबलों में से नौ में जीत, और कुल 57 में से 47 में जीत। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो चैंपियन होने का प्रमाण देता है। 

भारत को नजरअंदाज मत कीजिए। वे पहले मैच में भले ही जीती न हो, लेकिन हरमनप्रीत कौर(Hrmanpreet kaur) की टीम के लिए कुछ सकारात्मक पहलू भी रहे हैं। स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) और युवा प्रतिका रावल (Pratika Rawal) ने शीर्ष क्रम में 117 रनों की शानदार साझेदारी करके एक आक्रामक स्कोर की नींव रखी। मंधाना के कवर पर लगाए गए शानदार ड्राइव और रावल के तेज गेंदबाजों के सामने संयम ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। हरलीन देओल ने शानदार अर्धशतक लगाकर स्कोरबोडर् को गतिमान रखा और दिखाया कि भारत में ऑस्ट्रेलिया को हराने की क्षमता है। 

हरमनप्रीत के एनाबेल सदरलैंड (Annabel Sutherland) की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट होने सहित कई विकेट गिरने से भारत की बढ़त थम गई। ऋचा घोष, दीप्ति शर्मा और राधा यादव ने उपयोगी प्रदर्शन किया, लेकिन 281 के लक्ष्य के लिए मैदान पर हमेशा ही तेज प्रदर्शन की जरूरत होती है और यहीं पर बात बिगड़ गई। चार कैच छूटने और कुछ बेतरतीब गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को अपनी रणनीति बनाने की आजादी दे दी। 

21 साल की फोबे लिचफील्ड (Phoebe Litchfield) जगह की मालकिन लग रही थीं। उन्होंने पिच को सपाट और गेंदबाजी को बेअसर बना दिया, 80 गेंदों पर 88 रन ठोक डाले, तेज और स्पिन दोनों के खिलाफ पूरी ताकत से खेली। बेथ मूनी ने शांतचित्त होकर नाबाद 77 रनों की पारी खेली, जबकि एनाबेल सदरलैंड ने शांत और कुशल बल्लेबाजी करते हुए बिना किसी नाटकीय अंदाज के लक्ष्य हासिल कर लिया। एलिस पेरी का रिटायरमेंट का दर्द भी ऑस्ट्रेलिया को नहीं रोक सका, उनकी टीम में इतनी मजबूती है। 

दूसरे मुकाबले में भारत को पहली गेंद से ही आक्रामक रुख अपनाना होगा। हरमनप्रीत को बल्ले से अगुवाई करनी होगी। उनके रन मंधाना, रावल और देओल को मजबूती से आगे बढ़ा सकते हैं। जेमिमा रोड्रिग्स और ऋचा को बीच के ओवरों में ऑस्ट्रेलियाई टीम के दबाव का सामना करना होगा। गेंद पर दीप्ति शर्मा का नियंत्रण, स्नेह राणा का ऑलराउंड प्रदर्शन और क्रांति गौड़ का विकेट लेने का हुनर अहम हैं। अगर उन्हें लिचफील्ड और मूनी पर लगाम लगानी है तो उन्हें संयम बनाए रखना होगा और अपनी लेंथ पर गेंद फेंकनी होगी। 

ऑस्ट्रेलिया के लिए रणनीति सरल है। वही करते रहो जो वे सालों से करते आ रहे हैं। एलिसा हीली (Alyssa Healy) की आक्रामक शुरुआत, पेरी का क्लास, गाडर्नर का ऑलराउंड प्रदर्शन और सदरलैंड का बढ़ता कद उन्हें एक ऐसी टीम बनाता है जिसमें कोई कमी नहीं दिखती। अलाना किंग की चतुराई भरी स्पिन और जॉर्जिया वेयरहैम की विविधता को इसमें जोड़ दें तो वे हर विभाग में दबदबा बना सकते हैं। क्रिकेट के एक बेहतरीन दिन के लिए परिस्थितियां तैयार दिख रही हैं। चमकीला आसमान, 30एष्ट तापमान और पिच हर किसी के लिए कुछ न कुछ देती है। शुरुआत में अच्छी उछाल, तेज गेंदबाजों के लिए कुछ और खेल आगे बढ़ने के साथ थोड़ा टर्न भी। आउटफील्ड तेज है इसलिए अगर बल्लेबाज बहादुरी से खेलते हैं तो रन जरूर बनेंगे। 

गौर है कि भारत के लिए सीरीज दांव पर है इसलिए उनसे जोरदार वापसी की उम्मीद हैं। ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य जीत का दरवाजा बंद करके अपनी चमक बरकरार रखना होगा। यह इरादे कौशल और दबाव से भरपूर एक मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है। एक असली भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मुकाबला और जैसा कि कहा जाता है, जब ये दोनों टीमें मिलती हैं तो चिंगारी उड़ती है।