सिडनी : भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने पांचवें और आखिरी टेस्ट के दौरान जसप्रीत बुमराह से भिड़ने वाले ऑस्ट्रेलिया के युवा क्रिकेटर सैम कोंस्टास की आलोचना करते हुए कहा है कि उसे भारतीय कप्तान से बात करने का अधिकार नहीं था। खराब फॉर्म से जूझ रहे रोहित शर्मा के बाहर रहने के बाद भारत की कप्तानी कर रहे बुमराह ने जब उस्मान ख्वाजा को पहले दिन आउट किया तो कोंस्टास उनसे कुछ कहते दिखे।
गंभीर ने मैच 6 विकेट से हारने के बाद कोंस्टास की इस हरकत पर भारतीय खिलाड़ियों की आक्रामक प्रतिक्रिया के बारे में पूछने पर कहा, ‘कठोर लोगों द्वारा खेला जाने वाला यह कठिन खेल है। आप नरम नहीं पड़ सकते। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ धमकाने जैसा था। उस्मान ख्वाजा जब समय बर्बाद कर रहे थे तब उसे जसप्रीत बुमराह से बोलने का कोई अधिकार नहीं था। इससे उसका कुछ लेना देना नहीं था। यह अंपायर का काम था।'
गंभीर ने हालांकि कोंस्टास को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वह अनुभव से सीखेगा। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में हर दिन प्रदर्शन में सुधार करना होता है। कई बार आप सीधे मैदान पर उतरकर पहली ही गेंद से स्ट्रोक्स नहीं लगा सकते। आपको लाल गेंद के क्रिकेट का सम्मान करना होता है और उम्मीद है कि वह अनुभवों से सीखेगा।'
उन्होंने कहा, ‘और जब आप भारत जैसे आला दर्जे के आक्रमण का सामना कर रहे हो तो आगे के लिए काफी सीख मिलती है। और जो कुछ हुआ, वह बीती बात है।' गंभीर ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इसे तूल देने की जरूरत है। यह इस शहर में हुई एकमात्र घटना नहीं है, अतीत में भी ऐसा हुआ है।'