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सिडनी : भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में राष्ट्रीय टीम की हार के लिए 5वें दिन पहले और आखिरी सत्र में खराब शॉट चयन को जिम्मेदार ठहराया और उनका मानना है कि इस चूक के कारण मेहमान टीम को मैच और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (बीजीटी) पर अपनी पकड़ दोनों से हाथ धोना पड़ा। शास्त्री ने किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने माना कि ‘दो सीनियर खिलाड़ियों और एक युवा खिलाड़ी' के आउट होने के तरीके की समीक्षा होगी।


शास्त्री ने एक अखबार में दिए कॉलम में लिखा- यह देखना अद्भुत था कि भारतीय दर्शक दुनिया के सभी हिस्सों से टेस्ट क्रिकेट का अनुभव करने के लिए एमसीजी (मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड) पर आए थे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से अंतिम दिन बीच के सत्र के दोनों ओर (पहले और तीसरे सत्र में) खराब शॉट चयन के कारण भारत को मैच गंवाना पड़ा। और शायद यह सुनिश्चित हो गया है कि भारत ने एक टेस्ट शेष रहते बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर अपनी पकड़ खो दी है। 

 

 

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कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और ऋषभ पंत को चौथे टेस्ट में अपने प्रदर्शन के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा जिससे ऑस्ट्रेलिया ने 184 रन से जीतकर श्रृंखला में 2-1 की बढ़त हासिल की। भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखने के लिए सिडनी में अंतिम टेस्ट जीतना होगा जबकि ड्रॉ या मेहमान टीम की हार से ऑस्ट्रेलिया 2014-15 श्रृंखला के बाद पहली बार यह प्रतिष्ठित खिताब हासिल कर लेगा। रोहित और कोहली जहां तकनीकी और मानसिक चुनौतियों से पार पाने के लिए संघर्ष करते रहे तो वहीं पंत के लॉन्ग-ऑन पर खराब पुल शॉट ने भारत की दूसरी पारी के पतन में अहम भूमिका निभाई।


शास्त्री ने कहा कि भारत में दूसरी पारी में कुछ अन्य आउट होने वाले खिलाड़ियों की भी समीक्षा की जाएगी जिसमें दो सीनियर खिलाड़ी और एक युवा खिलाड़ी शामिल हैं। तीन बहुत ही ढीले शॉट। उन्होंने रोहित और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पैट कमिंस के नेतृत्व में अंतर को भी उजागर किया। जहां कमिंस ने श्रृंखला के दौरान शानदार प्रदर्शन किया तो वहीं रोहित का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। शास्त्री ने कहा कि जब कप्तान संघर्ष कर रहा हो तो इससे कोई मदद नहीं मिलती। साथ ही कमिंस जब शीर्ष स्तर का खेल दिखाते हैं तो इससे विरोधी टीम को मदद नहीं मिलती।