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रियो दि जिनेरियो : भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले संजीव राजपूत ने कहा कि यहां आईएसएसएफ विश्व कप में स्कोरिंग उपकरण में हुई कुछ गड़बड़ी के कारण उनके शाट को ‘शून्य’ दिखाए जाने के बाद वह दबाव में आ गए और काफी परेशान हो गए थे। राजपूत ने शानदार वापसी करते हुए गुरूवार को पुरूषों की 50 मीटर राइफल थ्री पाजीशन स्पर्धा में रजत पदक जीतकर भारत के लिये निशानेबाजी में आठवां ओलंपिक कोटा सुनिश्चित किया।

38 साल के इस निशानेबाज ने फाइनल में 462 अंक जुटाये जिससे वह क्रोएशिया के पीटर गोर्सा (462.2) के पीछे पोडियम में दूसरे स्थान पर रहे। दो बार के ओलंपियन ने कहा- मैं पूरे क्वालीफिकेशन के दौरान थोड़ा परेशान था क्योंकि मेरे एक शाट में स्कोर शून्य आया था। उन्होंने कहा- जब हमने इसका विरोध किया और फिर एक अतिरिक्त शाट लगाया जो 10 था और मैं आसानी से क्वालीफाई कर गया।

राजपूत ने कहा- बल्कि हम अब भी विरोध कर रहे हैं क्योंकि मेरा स्कोर 1180 नहीं 1181 होना चाहिए। राजपूत स्वर्ण पदक जीत सकते थे लेकिन अंतिम शाट में 8.8 से वह अपना दूसरा विश्व कप स्वर्ण पदक 0.2 अंक से चूक गये। उन्होंने कहा- यह थोड़ा देर का शाट था। आपके दिमाग में एक टाइमिंग होती है जैसे कि पूरी शाट प्रक्रिया 30-40 सेकेंड में खत्म हो जानी चाहिए। राजपूत ने कहा- लेकिन जब इस क्रम में कुछ गड़बड़ी होती है तो शाट निकलने मेमं मामूली सी देरी हो सकती है। ये चीजें निशानेबाजी में हो सकती है। उन्होंने कहा-मैं लंबे समय बाद फाइनल में खेल रहा था तो मेरे ऊपर दबाव था।