Sports

बेंगलुरु : भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी डिफेंडर खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह ने कहा कि हॉकी इंडिया ने राष्ट्रीय टीमों के लिए केंद्रीकृत ट्रेनिंग कार्यक्रम सुनिश्चित किया था जो पिछले कुछ वर्षों में उनके प्रदर्शन को सुधारने में काफी महत्वपूर्ण रहा है। 2010 में अंतराष्ट्रीय पर्दापण करने वाले रूपिंदर ने कहा-हम उन चुनिंदा देशों में से हैं जिनके पास इतना शानदार सेट-अप है, जहां सहयोगी स्टाफ और खिलाड़ी एक ही परिसर में रहते हैं, एक साथ अभ्यास करते हैं और पूरे साल प्रतिस्पर्धी मैच खेलते हैं।

उन्होंने कहा- इससे निरंतर खेलने की स्टाइल विकसित करने में मदद मिलती है और हमारा सौभाग्य है कि पूरे वर्ष इस तरह का कार्यक्रम आयोजित होता है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार स्थिति अलग है। लेकिन राष्ट्रीय कार्यक्रम जो वैज्ञानिक तरीके से आयोजित किया गया, इससे टीम को विश्व रैंकिंग में बढऩे में मदद मिली।

ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह भारत की कई अहम जीतों का हिस्सा रहे हैं। इनमें 2014 एशियाई खेल, 2011 और 2016 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी शामिल हैं। उन्होंने कहा- मेरा मानना है कि हॉकी इंडिया भारत में एक के बाद एक कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसका योगदान हमारे प्रदर्शन में देखने को मिल रहा है। घरेलू दर्शकों के सामने खेलने की भावना काफी उत्साहजनक होती है, लेकिन प्रदर्शन करने का दबाव भी होता है। जब हम विदेश दौरों पर जाते हैं तो बड़ी चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। भारत में खेलने से हमारे समर्थकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

उन्होंने कहा- किसी भी स्थिति का सकारात्मक पहलू देखना सही होता है और मेरा मानना है कि लॉकडाउन से हमें अपने तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने में मदद मिली। हमने कई वीडियो, मैचों के विश्लेषण और वीडियो रेफरल आदि पर विचार किया जबकि इस दौरान हम घरों में रहे थे और हॉकी की अनुमति नहीं थी। ओलंपिक गेम्स के लिए ऐसी तैयारियों हमारे काम आएंगी। रूपिंदर ने कहा कि साई बेंगलुरु में उन्होंने अपने बेसिक पर काफी ध्यान दिया और इससे कौशल क्षमता बढ़ाने में काफी मदद मिली।