नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) का बचपन का सपना आखिरकार रविवार रात सच हो गया, जब उन्होंने नवी मुंबई में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर भारत को पहला वनडे विश्व कप खिताब दिलाया।
विश्व कप जीतने के बाद हरमनप्रीत ने देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक संदेश दिया, 'सपने देखना कभी मत छोड़ो, क्योंकि कौन जानता है तुम्हारी किस्मत तुम्हें कहां ले जाए।'
बीसीसीआई द्वारा जारी एक वीडियो में हरमनप्रीत ने अपने बचपन के दिनों को याद किया जब वह अपने पिता के बड़े बल्ले से खेला करती थीं। उन्होंने कहा, 'जब से मुझे पसंद-नापसंद का अहसास हुआ, तभी से हाथ में बल्ला देखा है। पापा अपने पुराने बल्ले को छोटा करके मेरे लिए बनाते थे। तभी से सपना देखा कि एक दिन भारत के लिए खेलूं।'
हरमनप्रीत ने आगे कहा, 'मुझे नहीं पता था कि महिला क्रिकेट भी होती है, लेकिन सपना सिर्फ यही था कि मैं वो बदलाव लाना चाहती हूं जिससे देश में महिलाओं के लिए क्रिकेट का नाम हो।'
36 वर्षीय कप्तान ने कहा, 'यह पल मेरे लिए बेहद भावनात्मक है। बचपन से यही सपना था — टीम इंडिया को विश्व कप जिताना। और जब मौका मिला, तो भगवान ने हर दुआ सुन ली। अब हम विश्व चैंपियन हैं, और यह अहसास शब्दों से परे है।'
उन्होंने 2017 विश्व कप फाइनल की हार को भी याद किया, जब भारत इंग्लैंड से 9 रन से हार गया था। 'वो हार बहुत दर्दनाक थी, लेकिन उसी ने हमें और मजबूत बनाया। तब से पूरा देश हमारे साथ खड़ा रहा, और आज हम सबने मिलकर ये सपना पूरा किया।'
अंत में हरमनप्रीत ने कहा, 'यह जीत सिर्फ हमारी नहीं, पूरे देश की है। मैदान पर खेलने वाली हर खिलाड़ी और टीवी पर देखने वाले हर फैन की जीत है।'