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नई दिल्ली : अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाले डेविस कप मुकाबले के स्थल में बदलाव की मांग के साथ सोमवार को जब आईटीएफ से बात करेगा तो टीम के कप्तान महेश भूपति के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है। संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों के दर्जे को कम दिया है। इस्लामाबाद में 14-15 सितंबर को प्रस्तावित मुकाबले के लिए भारत ने अपनी टीम की घोषणा कर दी है।

जम्मू-कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को उनका देश छोड़ने के लिए कहा और दोनों देशों के बीच चलने वाली ट्रेन सेवा को रोक दिया। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद भारतीय खेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा क्योंकि यह द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं है। आईटीएफ का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में स्थल बदलने की जरूरत नहीं है और ऐसे में एआईटीए के लिए तटस्थ स्थल पर मैच कराने के लिए उसे तैयार करना काफी मुश्किल होगा। आईटीएफ ने दिए बयान में कहा, ‘आईटीएफ के लिए सुरक्षा सबसे अहम प्रथमिकता है। हम मेजबान राष्ट्र और स्वतंत्र विशेषज्ञ सुरक्षा सलाहकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आईटीएफ स्थल के वर्तमान सुरक्षा मूल्यांकन और योजना से संतुष्ट है।'

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के लिए समग्र सुरक्षा जोखिम रेटिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन हम अपने सलाहकारों के साथ स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।' आईटीएफ हालांकि एआईटीए की चितांओं को दूर करने और उसके सुरक्षा सलाहकार से बात करने के लिए तैयार है। सोमवार को होने वाली बातचीत में भूपति भी शामिल रहेंगे। डेविस कप के नियमों के मुताबिक मुकाबले को विशेष परिस्थितियों में देश से बाहर आयोजित किया जा सकता है। नियम 30.2.5 के मुताबिक, ‘कोई भी राष्ट्र चयन किये गये मैदान पर मेजबानी से हाथ धो सकता है जब विरोधी टीम का वहां पहुंचना संभव नहीं होगा। उदाहरण के लिए युद्ध, राजनीतिक अशांति, आतंकवाद या प्राकृतिक आपदा जैसी स्थितियों में।' 

मुकाबले से हटने से हालांकि भारत को नुकासान होगा और टीम स्वत: एशिया ओसियाना ग्रुप दो में रेलिगेट हो जाएगी। जिसका मतलब यह होगा कि वे 2022 से पहले विश्व क्वालीफायर्स में जगह नहीं बना पायेंगे। भारतीय टीम अगर पाकिस्तान को हरा देती है तो वे 2020 क्वालीफायर्स में भाग लेने के पात्र होंगे। भूपति ने पीटीआई से कहा, ‘हम मुकाबले को रद्द नहीं करना चहते हैं। हम सभी खिलाड़ियों की सुरक्षा की गारंटी देने वाले समाधान को खोजने के लिए आईटीएफ के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।'