लंदन : जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड में पांच में से तीन टेस्ट ही खेलने का निर्णय लिया और भारत के सहायक कोच रेयान टेन डोइशे के अनुसार टीम प्रबंधन को उनके कार्यभार को देखते हुए इस फैसले का सम्मान करना सही लगा। बुमराह ने हेडिंग्ले में पहला टेस्ट खेला लेकिन एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट से बाहर रहे। इसके बाद लॉडर्स और ओल्ड टैफर्ड में उन्होंने खेला। निर्णायक पांचवें टेस्ट से पहले बुमराह पर फैसला लेने के लिए भारतीय कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर ने ऐन मौके तक इंतजार किया।
पांचवें टेस्ट के पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत में डोइशे ने कहा कि बुमराह जैसे खिलाड़ी को बाहर रखने का फैसला हमेशा कठिन होता है। उन्होंने कहा, ‘बुमराह का मसला पेचीदा है। हम चाहते थे कि वह खेले लेकिन उसके कार्यभार को देखते हुए हमें लगा कि उसे टीम में शामिल करना सही नहीं होगा। उसने काफी ओवर फेंके हैं। मुझे पता है कि ऐसा लगता नहीं क्योंकि उसने तीन ही टेस्ट खेले और मैनचेस्टर में एक ही पारी में गेंदबाजी की।' डोइशे ने आगे कहा, ‘लेकिन उसका कार्यभार देखें तो उसने काफी ओवर डाले हैं। उसने दौरे से पहले ही कह दिया था कि वह तीन ही टेस्ट खेलेगा और हमें लगा कि उसके फैसले का सम्मान करना चाहिए।'
ओवल की हरी भरी पिच पर बुमराह काफी उपयोगी साबित होते। क्या वह चोटों से भरे अतीत के कारण अपनी मर्जी से मैच चुन रहे हैं। यह पूछने पर डोइशे ने कहा, ‘यह कहना सही नहीं होगा। उसने कहा था कि वह तीन ही मैच खेलेगा और उसने हम पर छोड़ दिया कि वह तीन मैच कौन से होंगे। हमने स्थिति को संभालने की कोशिश की है, यह आदर्श नहीं है, मुझे लगता है कि उन खिलाड़ियों पर ध्यान देना जरूरी है जो नहीं खेल रहे हैं, खासकर जब आपके पास 18 खिलाड़ी हों।'
उन्होंने कहा, ‘उन्हें बताना जरूरी है कि हम सभी फैसले सद्भावना से टीम के सर्वोत्तम हित में ले रहे हैं और इसी वजह से जो खिलाड़ी नहीं खेले हैं, वे शानदार रहे हैं, उन्होंने पूरी टीम को प्रशिक्षित किया है, लेकिन जब उन्हें टीम से बाहर रखा जाता है तो वे निराश होते हैं।'